Jharkhand assembly election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है, जब पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का दामन थाम लिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लुईस मरांडी सहित अन्य नेताओं का जेएमएम में स्वागत किया, जो अब विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरेंगे।
लुईस मरांडी का इस्तीफा और आरोप
दुमका से पूर्व विधायक लुईस मरांडी, जिन्होंने 2014 के चुनाव में हेमंत सोरेन को पराजित किया था उन्होंने बीजेपी छोड़ते हुए पार्टी के भीतर गुटबाजी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया। उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक लंबी चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त की और टिकट न मिलने पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने पार्टी में षड्यंत्रों और अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया।
गणेश महली का जेएमएम में शामिल होना
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को 2014 और 2019 के विधानसभा चुनावों में कड़ी टक्कर देने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता गणेश महली भी जेएमएम में शामिल हो गए हैं। यह संकेत देता है कि इस बार सरायकेला सीट पर गणेश महली और चंपाई सोरेन के बीच मुकाबला दिलचस्प होगा, लेकिन इस बार महली जेएमएम के टिकट पर और चंपाई सोरेन बीजेपी उम्मीदवार के रूप में आमने-सामने होंगे।
जय जोहार
— झामुमो रामगढ़ विधानसभा (@GolaJmm) October 21, 2024
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कुणाल षाड़ंगी की वापसी
बीजेपी के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने भी जेएमएम की सदस्यता ग्रहण की। 2014 में जेएमएम के टिकट पर चुनाव जीतने वाले कुणाल 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन इस बार फिर से उन्होंने जेएमएम का हाथ थाम लिया है। कुणाल के जेएमएम में वापस आने से बहरागोड़ा में बीजेपी के उम्मीदवार दिनेशानंद को कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद है।
अन्य प्रमुख नेताओं का जेएमएम में शामिल होना
बीजेपी के पूर्व विधायक अनंत टुडू और पूर्वी सिंहभूम जिला परिषद की अध्यक्ष बारी मुर्मू ने भी जेएमएम की सदस्यता ली है। इनके अलावा, बास्को बेसरा भी जेएमएम में शामिल हुए हैं। इन नेताओं के जेएमएम में शामिल होने से कोल्हान क्षेत्र में बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि ये सभी नेता क्षेत्र में अपना मजबूत जनाधार रखते हैं।