Jharkhand assembly election 2024: झारखंड राज्य के गठन के बाद से चार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, लेकिन अभी तक के इतिहास में कोई भी दल या गठबंधन लगातार दो बार सत्ता में दोबारा नहीं आ पाया है। हालांकि, एक बार फिर 5 सालों बाद झारखंड के विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा के बाद एक बार फिर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।
हेमंत सोरेन की सरकार और इस्तीफा
2019 में हुए विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली JMM-कांग्रेस-RJD गठबंधन की सरकार सत्ता में आई थी। हालांकि, जनवरी 2024 में ईडी द्वारा लैंड स्कैम मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद चंपाई सोरेन के नेतृत्व में पांच महीने तक गठबंधन सरकार चली। जेल से बाहर आने के बाद, हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद संभाला और 2024 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।
झारखंड विधानसभा चुनाव का इतिहास
झारखंड विधानसभा चुनाव का एक खास पहलू यह है कि राज्य में अभी तक किसी एक दल या गठबंधन ने लगातार दो बार जीत दर्ज नहीं की है।
बाबूलाल मरांडी (2000): झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने लेकिन कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
अर्जुन मुंडा (2005): उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाला, लेकिन बहुमत न मिलने के कारण कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
शिबू सोरेन (2005): वे 10 दिनों के भीतर ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने पर मजबूर हुए।
मधु कोड़ा (2006): निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा ने कांग्रेस और जेएमएम के समर्थन से मुख्यमंत्री बने और 23 महीने तक पद पर रहे।
हेमंत सोरेन (2013): 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत न मिलने पर इस्तीफा देना पड़ा।
रघुवर दास (2014): उन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया, लेकिन 2019 के चुनाव में बहुमत न मिलने के कारण कुर्सी छोड़नी पड़ी।
हेमंत सोरेन (2019): दूसरी बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन लैंड स्कैम मामले में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देना पड़ा।
राजनीतिक अस्थिरता और गठबंधन की चुनौतियां
झारखंड की राजनीति में गठबंधन की राजनीति का अहम स्थान है। झारखंड की सरकारें अक्सर गठबंधन पर आधारित रही हैं, जिससे स्थिरता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण रहा है। कोई भी पार्टी अब तक राज्य में लगातार दो बार सरकार नहीं बना पाई है, जो झारखंड की राजनीतिक अस्थिरता का प्रतिबिंब है।
2024 चुनाव: क्या बदलेगी तस्वीर?
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन पूरी तैयारी कर चुके हैं। जहां एनडीए में भाजपा, जेडीयू और आजसू गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं इंडिया गठबंधन में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी एकजुट होकर चुनावी मैदान में हैं। झारखंड में अब तक के चुनावी इतिहास को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार कोई गठबंधन राज्य की सत्ता में दोबारा वापसी कर पाता है, या फिर एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की गाथा लिखी जाएगी।