एक करोड़ का इनामी नक्सली को सुरक्षा बलों ने किया ढेर, बिहार में एसपी और मुख्यमंत्री के बेटे की हत्या में था शामिल
झारखंड में सीएम के बेटे और बिहार में एसपी की हत्या में शामिल एक करोड़ के इनामी नक्सली को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। दोनों राज्यों के लिए यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

Hazaribagh -झारखंड के हजारीबाग जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामयाबी मिली है। सोमवार की सुबह हुई एक भीषण मुठभेड़ में पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम ने कुख्यात नक्सली कमांडर सहदेव को मार गिराया, जिस पर झारखंड और बिहार पुलिस ने कुल एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सहदेव कई सालों से दोनों राज्यों के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
मुठभेड़ की विस्तृत जानकारी
सुरक्षा बलों को खुफिया सूत्रों से सूचना मिली थी कि नक्सली सहदेव हजारीबाग के घने जंगलों में छिपा हुआ है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना मिलते ही हजारीबाग पुलिस और सीआरपीएफ की एक विशेष टीम ने इलाके की घेराबंदी शुरू की। जब सुरक्षा बल जंगल में दाखिल हुए, तो नक्सलियों ने उन पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला और घंटों तक चली इस मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली सहदेव को ढेर कर दिया। हालांकि, उसके कुछ साथी घने जंगलों का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे। पुलिस ने घटनास्थल से एक एके-47 राइफल और भारी मात्रा में कारतूस और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की है।
सहदेव का खूंखार आपराधिक इतिहास
मारा गया नक्सली सहदेव लंबे समय से बिहार और झारखंड में सक्रिय था। वह झारखंड के कई बड़े नक्सली हमलों में मुख्य आरोपी था। इसके अलावा, बिहार में भी उसने कई जघन्य अपराधों को अंजाम दिया था। सबसे कुख्यात मामला बिहार के एक एसपी की हत्या का है, जिसमें वह सीधे तौर पर शामिल था। इस घटना के बाद से ही वह पुलिस के लिए सबसे वांटेड अपराधियों में से एक बन गया था।
बिहार में सहदेव का था दहशत
2006 में बिहार के बांका जिले में एसकेजी थाना पर हमला हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए। इसके बाद 1 जनवरी 2008 को मुंगेर में पुलिस गश्ती दल पर हमला कर 4 जवानों को शहीद कर दिया गया और हथियार लूटे गए। माओवादी सहदेव बिहार-झारखंड में दहशत का पर्याय बना था।
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या की
वहीं 2007 में गिरिडीह जिले के चंदनकियारी में नक्सलियों द्वारा अंजाम दिए गए भीषण हमले में बाबूलाल मरांडी के बेटे हेमंत मरांडी और भाई अनूप मरांडी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस हमले में कुल 20 लोगों की जान गई थी। हमले के पीछे मास्टरमाइंड के तौर पर सहदेव का नाम सामने आया था।
होमगार्ड कैंप पर हमला और हथियार लूट
2004-05 में गिरिडीह के इंपख गांव के पास स्थित होमगार्ड कैंप पर नक्सलियों ने धावा बोला। इस हमले में 183 रायफलें लूट ली गईं, जो नक्सल हिंसा के लिए बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई।
युवाओं को संगठन से जोड़ने में बड़ी भूमिका
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सहदेव अपने संगठन में एक प्रमुख रणनीतिकार था और युवाओं को नक्सली गतिविधियों से जोड़ने का काम करता था। उसकी मौत को पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी रणनीतिक सफलता माना जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सहदेव की मौत से नक्सली संगठन को गहरा झटका लगा है और आने वाले दिनों में इसके असर साफ दिखाई देंगे। इस तरह के अभियानों से सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलेगी। पुलिस और सुरक्षा बल दोनों राज्यों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।