kodarma News: नाबालिग से अश्लील हरकत करना 58 वर्षीय चाचा को पड़ा भारी! कोर्ट ने सुनाया फैसला, 3 साल तक पिसेंगे जेल की चक्की
कोडरमा कोर्ट ने 58 वर्षीय दुकानदार को नाबालिग से अश्लील हरकत के मामले में 3 साल की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी को पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं के तहत सश्रम कारावास की सजा दी।

kodarma shopkeeper minor harassment: कोडरमा के तिलैया थाना क्षेत्र से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया, जिसमें 58 वर्षीय दुकानदार नवल किशोर मोदी को नाबालिग के साथ अश्लील हरकत करने का दोषी पाया गया। कोर्ट ने दोषी को 3 साल की सश्रम कारावास और ₹6,000 जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह स्पेशल पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश गुलाम हैदर ने यह सजा सुनाते हुए दुकानदार नवल किशोर मोदी को दोषी पाया। यह घटना 2023 की है, जब नाबालिग सामान खरीदने दुकान पर गई थी और दुकानदार ने उसे दुकान के अंदर बुलाकर अश्लील वीडियो दिखाकर अश्लील हरकत की थी।
घटना का विवरण: नाबालिग को फुसलाकर अश्लील वीडियो दिखाया गया
यह घटना कोडरमा जिले के तिलैया थाना क्षेत्र के गांधी स्कूल रोड की है। 2023 में एक नाबालिग लड़की अपने घर के पास की दुकान से कुछ सामान खरीदने गई थी। इस दौरान, दुकानदार नवल किशोर मोदी उर्फ नवल किशोर बर्णवाल ने नाबालिग को पहले फुसलाकर दुकान के अंदर बुलाया और उसे अश्लील वीडियो दिखाया। फिर उसके साथ गलत हरकत करने की कोशिश की।
नाबालिग ने इस घटना की जानकारी अपने परिवार को दी, जिसके बाद उसके पिता ने तिलैया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। इस मामले की जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज किया गया।
सजा और जुर्माना: पॉक्सो एक्ट के तहत सजा
इस मामले की सुनवाई के दौरान स्पेशल पॉक्सो अदालत ने नवल किशोर मोदी को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया। अदालत ने पॉक्सो एक्ट के अंडर सेक्शन 12 और अन्य धाराओं के तहत दोषी को निम्नलिखित सजा सुनाई:
पॉक्सो एक्ट सेक्शन 12 के तहत 2 साल सश्रम कारावास और ₹2,000 का जुर्माना।
धारा 363 के तहत 3 साल की सजा और ₹2,000 का जुर्माना।
धारा 354 के तहत 2 साल की सजा और ₹2,000 का जुर्माना।
धारा 509 के तहत 2 साल की सजा।
अदालत ने स्पष्ट किया कि जुर्माना अदा न करने पर दोषी की सजा में और वृद्धि की जाएगी। इस मामले की पैरवी अभियोजन पक्ष के लोक अभियोजक शिव शंकर राम और अधिवक्ता जयप्रकाश नारायण ने की।
बच्चों के लिए गुड टच और बैड टच की शिक्षा की आवश्यकता
इस मामले पर अधिवक्ता राजकुमार सिन्हा ने कहा कि बच्चों के साथ अश्लील हरकतें और उन्हें अश्लील सामग्री दिखाने की घटनाएँ समाज में बढ़ रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों को कम उम्र से ही गुड टच और बैड टच के बारे में जागरूक करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावकों और शिक्षण संस्थानों को बच्चों को इस बारे में जागरूक करने के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करनी चाहिए। इससे बच्चे किसी भी प्रकार की गलत हरकत को समझने में सक्षम होंगे और उसका विरोध कर सकेंगे।