Bihar-Jharkhand border dispute - तय होगी बिहार-झारखंड की सरहद, हाईकोर्ट के आदेश पर 25 साल बाद शुरू हुआ सीमांकन

Bihar-Jharkhand border dispute - बिहार-झारखंड बंटवारे के 25 साल बाद भी सीमा तय नहीं! किसानों की याचिका पर हाई कोर्ट सख्त। साहिबगंज और कटिहार के अधिकारियों ने शुरू की मापी, क्या इस बार निकलेगा हल?

Bihar-Jharkhand border dispute - तय होगी बिहार-झारखंड की सरह

Ranchi - बिहार से अलग होकर झारखंड को बने 25 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन दोनों राज्यों के बीच सीमा रेखा (Border Demarcation) आज तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। प्रशासनिक सुस्ती का खमियाजा साहिबगंज सदर प्रखंड के किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जो अक्सर जमीन विवाद में उलझे रहते हैं। किसानों की परेशानी को देखते हुए हाई कोर्ट ने अब सख्त रुख अपनाया है।

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद जागा प्रशासन 

किसानों द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज उपायुक्त (DC) हेमंत सती को तत्काल सीमांकन कराने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए डीसी ने एक विशेष कमेटी का गठन किया है, जिसमें सीआई (CI), तीन अमीन और सदर ब्लॉक के कर्मचारी शामिल हैं।

बैजनाथपुर दियारा में अधिकारियों का जमावड़ा 

आदेश मिलने के बाद साहिबगंज के सीओ बासुकीनाथ टुडू अपनी पूरी टीम के साथ बिहार सीमा पर स्थित बैजनाथपुर दियारा पहुंचे। वहां पहले से बिहार के कटिहार जिले के मनिहारी अंचल के कर्मी और अमीन मौजूद थे। पहले दिन दोनों राज्यों के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र का जायजा लिया। जानकारी के मुताबिक, बुधवार से विधिवत मापी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

क्या इस बार निकलेगा नतीजा?

सीमांकन की यह कोशिश पहली बार नहीं हो रही है। इससे पहले तत्कालीन डीसी संदीप सिंह के कार्यकाल में भी हाई कोर्ट के आदेश पर ही कवायद शुरू हुई थी। उस समय कटिहार से एसडीओ और अंचलाधिकारी ने साहिबगंज पहुंचकर सर्किट हाउस में बैठक की थी। लेकिन तब महज दो-चार दिन मापी होने के बाद फाइल ठंडे बस्ते में चली गई थी।

अब देखना होगा कि मौजूदा डीसी हेमंत सती के नेतृत्व में शुरू हुई यह पहल अंजाम तक पहुंचती है या फिर 25 साल पुराना यह विवाद फाइलों में ही दबा रह जाएगा।