RANCHI :झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार राज्य के आदिवासियों के विकास के लिए नित नए काम कर रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग को इसके लिए प्रस्ताव भी भेजा है।
आदिवासी इलाकों को मिलेगा फायदा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत राज्य में 1220 आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की योजना पर सरकार विचार कर रही है। इनमें से 275 नए केंद्र प्रधानमंत्री जन मन योजना के तहत खोले जाएंगे। इससे आदिवासी इलाकों को फायदा मिलेगा।
केंद्र सरकार को भेजी गई सूची
वहीं राज्य सरकार ने डीएजेजीयूए के तहत भी 945 गांवो में नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए इन 945 गांवो के नाम की सूची केंद्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग को स्वीकृति के लिए भेजी जा चुकी है। आपको बता दें कि पीएम जनमन योजना पूर्णतः केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजना है जबकि डीजेजीयू केंद्र और राज्य दोनों के सहयोग से चलाई जाती है।
कराया जाएगा जिलावार सर्वे
राज्य सरकार ने डीजेजीयूए के तहत जनजातीय बहुल गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र में उत्क्रमित करने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत मंत्रालय को 7139 गांवों की सूची भी भेज दी गई है। दी गई सूची के 6524 गांवो में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। बाकि बचे गांवो का सर्वे जिला के द्वारा कराया जाएगा।
पीएम ने की थी योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा पिछले वर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर आदिवासी वर्गों के विकास के लिए हजारीबाग से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना को शुरु करने का उद्देश्य जनजातीय एवं आदिवासी समूहों के उत्थान के लिए एवं उनको स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर बनाने के उद्येश से किया गया था।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट