Jharkhand News: झारखंड में एक एनजीओ की मदद से रोका गया बाल-विवाह, पिता ने बीस हजार देकर तय की थी शादी
Jharkhand News: झारखंड के रांची में एक एनजीओ की सूचना बाल-विवाह को रोका गया। एनजीओ ने रामगढ़ जिले के बीडीओ और स्थानीय थाना प्रभारी को इसकी जानकारी दी थी। अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इस विवाह पर रोक लगाया गया।

Ranchi: झारखंड के रामगढ़ जिले के धुर्वा इलाके में रहने वाली एक नाबालिग की शादी उसके पिता ने रामगढ़ के ही रहने वाले एक बीस वर्षीय युवक से बीस हजार रुपये में तय कर दी थी। जब रांची स्थित एनजीओ को इसकी जानकारी मिली तो एनजीओ के लोगों नें इस बात की सूचना रामगढ़ जिले के मांडू बीडीओ रितिक कुमार व कुजू ओपी प्रभारी मो नौशाद ने रोक दी। इन अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इस बाल-विवाह को रोका गया।
दोनों नाबालिकों को अपने साथ ले गई पुलिस
प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग का विवाह कुजू ओपी क्षेत्र के बुढ़ाखाप करमा स्थित एक शिव मंदिर में हो रहा था। दोनों नाबालिगों को पुलिस अपने साथ थाने लेकर आयी और उनके स्वजनों को भी बुलाया। इस संबंध में करमा दक्षिणी पंचायत सचिव नील कमल द्विवेदी ने मांडू बीडीओ के नाम आवेदन दिया था। इसमें कहा गया कि मांडू, जिला रामगढ़ के रहने वाले 20 वर्षीय युवक की शादी धुर्वा की एक 16 वर्षीय लड़की से सोमवार की शाम पांच बजे करमा शिव मंदिर में होने जा रहा है। सूचना के बाद मौके पर पहुंच कर मांडू बीडीओ रितिक कुमार व कुजू ओपी प्रभारी मो नौशाद ने शादी रुकवाई। इसके बाद दोनों परिवार को कुजू ओपी परिसर में समझाया गया कि कानून के अनुसार लड़का-लड़की की उम्र विवाह करने योग्य नहीं है।
विवाह में शामिल होने पर भी होगा जुर्माना
अधिकारियों ने बताया कि इस विवाह में शामिल होने के विवाह में शामिल होने वालों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद दोनों के स्वजनों ने विवाह नहीं करने का निर्णय लिया। बता दें कि बाल विवाह निषेध कानून 2006 के तहत नाबालिग लड़का-लड़की के विवाह करने पर विवाह में शामिल होने वालों पर दो लाख का जुर्माना और सजा का प्रविधान है।