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JHARKHAND COAL ROYALTY - झारखंड के वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमन से की मुलाकात, प्रदेश के लिए मांगे अपने बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए

JHARKHAND COAL ROYALTY - झारखंड सरकार ने एक बार फिर केंद्र पर कोल रॉयल्टी के अपने बकाए 1.36 लाख करोड़ का राशि देने की मांग की है। इसको लेकर प्रदेश के वित्त मंत्री ने आज निर्मला सीतारमन से मुलाकात की है।

JHARKHAND COAL ROYALTY - झारखंड के वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमन से की मुलाकात, प्रदेश के लिए मांगे अपने बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपए

 

RANCHI – केंद्रीय बजट में झारखंड के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। जिसको लेकर प्रदेश के सीएम हेमंत सोरेन अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ  झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कोयला रोयाल्टी का बकाया को लेकर शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की है। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से इन पैसों के भुगतान को लेकर फिलहाल केंद्र सरकार ने एक कमेटी  गठित करने की बात कही है।

1.36 लाक करोड़ रुपये है बकाया

बता दें कि झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार पर कोयला रॉयल्टी का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये के भुगतान के साथ-साथ राज्य को सालाना मिलने वाली सहायता अनुदान राशि 12152.46 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए भी दबाव बनाया है। राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि हमने पत्र लिखकर बकाया राशि के भुगतान का आग्रह किया है। उन्होने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार राज्य के संपूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और झारखंड अपने आय के स्रोतों में वृद्धि कर अपने लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए प्रयासरत है।

कमेटी तय करेगी झारखंड को कितना पैसा देना है

इसको गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री किशन रेड्डी ने कोयला मंत्रालय के अपर सचिव स्मिता प्रधान को बुलाकर यथाशीघ्र एक कमेटी गठन करने का आदेश दिया। कोयला मंत्री ने कहा कि इसकी वास्तविक गणना के बाद कोयला उत्खनन के मद में झारखंड को बकाया राशि का भुगतान किया जा सकेगा। उन्होंने राधाकृष्ण किशोर को भरोसा दिलाया कि व्यवहारिकता के साथ वास्तविक बकाया का राशि की गणना कर झारखंड को भुगतान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने दी थी चेतावनी

गौरतलब है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी चार फरवरी को धनबाद में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर केंद्र सरकार झारखंड का बकाया राशि का भुगतान नहीं करेगी तो पूरे देश में अंधेरा कर देंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर पैसे का भुगतान नहीं किया गया  तो वह कोयला खाद्दानों को ठप्प कर देंगे।

विभिन्न मदों में है बकाया

गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने केंद्र की सरकार से विभिन्न मदों में कुल 1,36,042 करोड रुपये के भुगतान की माग की है। जिसमें धुले कोयले का बकाया 2900 करोड़, उत्खनित खनिज बकाया 32000 करोड़, भूमि अधिग्रहण बकाया 1,01,142 करोड़ बताया गया है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने निर्णय में रॉयल्टी के पैसों पर राज्य सरकार का अधिकार होने की बात कही थी।

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