Land News: जमीन खरीद-बिक्री पर बड़ी राहत, झारखंड सरकार ने एनओसी की बाधा को किया दूर

झारखंड सरकार ने भूमि अधिग्रहण के बाद बची गैर-अधिग्रहित जमीन की खरीद-बिक्री को आसान बनाकर रैयतों को बड़ी राहत दी है। पहले, रैयतों को एनओसी के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब सरकार ने 7 दिनों के भीतर एनओसी जारी करने का आदेश दिया है।

land news | jharkhand news

झारखंड में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर रैयतों (भूस्वामियों) के लिए बड़ी राहत की खबर है। सरकार ने गैर-अर्जित जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की बाधा को दूर कर दिया है। अब जमीन अधिग्रहण के बाद बची गैर-अर्जित जमीन को आसानी से बेचा या खरीदा जा सकेगा। इस फैसले से राज्य भर के हजारों रैयतों को राहत मिलेगी, जो अब तक एनओसी के लिए महीनों परेशान रहते थे।



क्या है मामला?

झारखंड में अब तक अगर भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत कोई प्लॉट आंशिक रूप से अधिग्रहित होता था, तो उस प्लॉट के बचे हुए हिस्से (गैर-अर्जित जमीन) की खरीद-बिक्री के लिए रैयतों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। रैयतों को संबंधित विभाग से एनओसी लेने में महीनों लग जाते थे। इससे न सिर्फ भूस्वामियों को असुविधा होती थी, बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता था।


सरकार ने जारी की अधिसूचना

राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए अधिसूचना जारी की है। अब अगर किसी प्लॉट का आंशिक अधिग्रहण होता है तो बची गैर अधिग्रहित जमीन की खरीद-बिक्री में एनओसी की जरूरत होगी, लेकिन इसमें अब देरी नहीं होगी। सरकार ने साफ निर्देश दिया है कि एनओसी आवेदन मिलने के महज 7 दिनों के अंदर संबंधित विभाग को जांच पूरी कर एनओसी जारी करना होगा।


एनओसी में देरी से होगी राजस्व की हानि

एनओसी जारी करने में देरी से राज्य सरकार को राजस्व की हानि होती है। अधिसूचना जारी होने के बाद उम्मीद है कि इससे जमीन निबंधन की प्रक्रिया में तेजी आएगी और सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा रैयतों को भी समय रहते राहत मिलेगी और जमीन की खरीद-बिक्री का रास्ता आसान होगा।



रैयतों को मिलेगी राहत

अब झारखंड के सभी जिलों में रैयतों को अधिग्रहण के बाद बची जमीन को खरीदने या बेचने के लिए लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। इससे राज्य भर में भूमि संबंधी विवाद और कानूनी अड़चनें कम होंगी। साथ ही राज्य के सभी उपायुक्तों, जिला अवर निबंधकों और निबंधकों को नए आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।


एसएमएस और कॉल सेंटर के जरिए मिलेगी जानकारी

सरकार ने इस फैसले की जानकारी सभी संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिए एसएमएस और कॉल सेंटर का सहारा लिया है। रैयतों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर इस बदलाव की जानकारी दी जा रही है, ताकि वे नई प्रक्रिया से अवगत हो सकें। एनओसी प्रक्रिया को समयबद्ध बनाने से न सिर्फ राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि एनओसी में देरी के कारण होने वाले भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी। इसके अलावा रैयतों को अब जमीन के निबंधन और खरीद-बिक्री में होने वाली अनावश्यक बाधाओं से मुक्ति मिलेगी।


झारखंड सरकार के इस फैसले से न सिर्फ रैयतों को राहत मिलेगी, बल्कि जमीन खरीद-बिक्री की प्रक्रिया भी पारदर्शी और तेज होगी। इससे राज्य में जमीन संबंधी विवादों में कमी आने की उम्मीद है और लोगों को अपनी संपत्ति को लेकर कानूनी उलझनों से राहत मिलेगी। अब झारखंड में जमीन की खरीद-बिक्री में होने वाली देरी और एनओसी की समस्या से पूरी तरह राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम किसानों और राज्य दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा

Editor's Picks