Ranchi: झारखंड में रांची स्थित राष्ट्रीय जांच एजेंसी की विशेष अदालत ने नक्सली हथियार और गोला-बारुद की जब्ती के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए फरार आरोपी मंटू शर्मा को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
कई हथियार बरामद
झारखंड पुलिस ने अगस्त 2012 में इनपुट के आधार पर सिलोदर जंगली क्षेत्र में छापेमारी की थी। तब पुलिस ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन सीपीआई के सदस्य प्रफुल्ल कुमार मालाकार को गिरफ्तार किया। उसके पास से यूएएस निर्मित एम-16 राइफल,14 जिंदा राउंड, 2 फोन और एक बुलेट प्रुफ जैकेट जब्त की गई।
बिहार के औरंगाबाद का है मंटू शर्मा
गिरफ्तार किए गए अपराधियों के बयान के आधार पर अनिल कुमार गिरफ्तार किया। अनिल कुमार ने इस केस मे मंटू शर्मा का नाम लेते हुए कहा कि इस गिरोह का सरगना मंटू शर्मा है, जो बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है। पुलिस और एनआईए की संयुक्त टीम ने मंटू शर्मा की गिरफ्तारी के लिए कई जगह छापेमारी की लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका।
जल्द गिरफ्त में आयेगा मंटू
दिसंबर 2012 में इस केस को एनआईए ने अपने हाथों में लिया और 2014 से 2017 के बीच तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किए गए। इसके बाद दिसंबर 2024 में एनआईए की विशेष अदालत ने मालाकार और अनिल यादव को दोषी करार देते हुए 15 साल की कठोर सजा सुनाई थी। वहीं सोमवार को विशेष अदालत ने मंटू से खिलाफ कठोर कारावास और जुर्माने की कई सजाएं सुनाई है जबकि आरोपी अभी भी फरार है। एनआईए ने कोर्ट को बताया कि मंटू शर्मा मालाकार और यादव एक दूसरे के करीबी संपर्क में थे। एजेंसी ने कहा कि एनआईए मंटू को पकड़ने की लगातार कोशिश कर रही है।
अभिषेक-सुमन की रिपोर्ट