Jharkhand news: पेयजल विभाग के कर्मी के फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा, विभाग से फर्जी निकासी कर शेयर मार्केट में किया निवेश, ईडी ने कसा शिकंजा

Jharkhand news: झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से 23 करोड़ के फर्जी तरीके से निकासी के मामले में ईडी ने मनी ट्रेल की जांच की है। ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

Jharkhand news: पेयजल विभाग के कर्मी के फर्जीवाड़े का हुआ खु
पेयजल विभाग के कर्मी के फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा- फोटो : SOCIAL MEDIA

Ranchi: झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में करोड़ो रुपये के फर्जीवाड़े में शामिल मुख्य आरोपी संतोष कुमार के खिलाफ ईडी ने कार्यवाई शुरु कर दी है। ईडी ने जांच में पाया है कि केस में मुख्य आरोपी विभाग के कैशियर संतोष कुमार ने तकरीबन सात करोड़ रुपये शेयर बाजार में निवेश किए। 

विभागीय इंजीनियरों में बांटे 12 करोड़

इस जांच में यह भी पता चला है कि संतोष कुमार ने अपने व अपनी कंपनी मेसर्स रॉकड्रिल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट के खाते में 23 करोड़ रुपये से 12 करोड़ रुपये विभागीय इंजीनियरों को बांटे। संतोष ने ईडी को बताया है कि शुरुआत में छह चेक के जरिए दो करोड़ 71 लाख 62533 लाख रुपये उसने अपने व अपनी कंपनी के खातों में ट्रेजरी के जरिए जमा कराए। फर्जी बिल पास करने के एवज में ट्रेजरी अफसर मनोज कुमार, हेड क्लर्क शैलेंद्र कुमार ने 10 प्रतिशत का कमीशन लिया। इसके बाद पैसे मेसर्स रॉकड्रिल व संतोष के अलग-अलग खातों में जमा हो गए।

विभाग के कई कर्मचारियों को बांटे गए पैसे

ईडी की जांच रिपोर्ट में जिक्र है कि तत्कालीन कार्यपालक अभियंता प्रभात कुमार सिंह को 1.75 करोड़, डीडीओ व कार्यपालक अभियंता राधेश्याम को एक करोड़, कार्यपालक अभियंता सह डीडीओको तीन करोड़, सुपरीटेंडेंट इंजीनियर निरंजन कुमार को 80 लाख, डिविजनल एकाउंटेट परमानंद कुमार को एक करोड़, सुरेंद्र पाल मिंज (अब मृत) को 30 लाख, ट्रेजरी अफसर मनोज कुमार को 15 लाख, सुनिलसिन्हा को 85 लाख, डीडब्ल्यूडीएस कर्मी संजय कुमार सिंह को 10 लाख, रंजन कुमार सिंह को सात लाख दिए। वहीं, संतोष ने कैश निकाल तीन करोड़ अपने पास रखे। कुल 12.02 करोड़ की बंटरबाट करने की बात ईडी ने पायी है। शेष पैसे बैंक खाते में ही रहे।

Nsmch


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