Maiya Samman Yojana: झारखंड में मईयां सम्मान योजना के लाभ से वंचित महिलाओँ ने किया प्रखंड का घेराव, भ्रष्टाचार और लापरवाही का लगाया आरोप
Maiya Samman Yojana: झारखंड के जमशेदपुर में मईयां सम्मान योजना के लाभ से वंचित महिलाओं ने इस कार्य से जुड़े अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमशेदपुर प्रदेश कार्यालय के मुख्य द्वार का घेराव किया।

Jamshedpur: झारखंड के जमशेपुर में मंईयां सम्मान योजना में कथित तौर पर अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए में सैकड़ों महिलाओं ने आक्रोश प्रकट किया है। महिलाओं ने जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार को डेढ़ घंटे तक घेरे रखा और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया।
भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गयी है योजना
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना है कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। लेकिन यह जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में कुछ चुनिंदा लाभार्थियों को तीन महीने के ₹7500 रुपये जारी किए गए, जबकि बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं, जो सभी पात्रता पूरी करने के बावजूद इस योजना के लाभ से वंचित हैं।
महिलाओं ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि वह अपनी समस्याओँ को लेकर कई बार इससे जुड़े अधिकारियों के पास गयी। सभी पात्रता को पूरा करने के बाद भी अधिकारियों के द्वारा अश्वासन के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ। हर बार उन्हें झूठे आश्वासन ही मिलते हैं। जब अपनी आवाज को पहुंचाने का कोई और रास्ता नहीं बचा,तो मजबूरी में हमें आंदोलन करना पड़ा। उन्होंने यह भी मांग की कि योजना के क्रियान्वयन में हो रही गड़बड़ियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
कार्यालय का कामकाज रहा बाधित
महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के कारण प्रखंड कार्यालय में दिनभर कामकाज बाधित रहा और दूरदराज से आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुंचे कुछ स्थानीय नेताओं ने महिलाओं को शांत करने और उनकी मांगों को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बाद दोपहर में महिलाओं ने घेराव समाप्त किया। महिलाओं ने स्पष्ट कर दिया कि जल्द उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो वे फिर आंदोलन के लिए मजबूर होंगी।