“IG एडमिन” बिहार पुलिस का बेटा बनकर धोखाधड़ी करने वाला युवक गिरफ्तार
खुद को आईजी का बेटा बताकर आरोपी झारखंड और बिहार के कई एसपी, डीएसपी और थानेदारों से संपर्क कर सिफारिश, गाड़ी और अन्य सरकारी सुविधाएँ लेता रहा है.

N4N डेस्क: खुद को बिहार पुलिस के आईजी (एडमिन) का बेटा बताकर सरकारी अधिकारियों से धोखाधड़ी करने वाले एक युवक आनंद वर्धन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर वीआईपी सुविधाएँ और अनुचित लाभ लेने के लिए फर्जी पहचान का इस्तेमाल करने का आरोप है। रांची पुलिस ने उसे खादगढ़ा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपित पटना में पाटलिपुत्र कालोनी में रहता है।
धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट और गिरफ्तारी
फोन कॉल से शुरुआत
खादगढ़ा टीओपी के प्रभारी दिवाकर कुमार को एक मोबाइल नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को आईजी (एडमिन), बिहार पुलिस बताया और माँग की कि उनका बेटा (आनंद) रांची से पटना जा रहा है। उसके लिए बस रिजर्वेशन और सुरक्षा की व्यवस्था की जाए, जिसका किराया पटना पहुँचने पर चुका दिया जाएगा।कॉल करने वाले के लहजे और माँग पर पुलिस को संदेह हुआ। उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से बस स्टैंड पर आरोपी को पकड़ने की रणनीति बनाई।
बस स्टैंड पर हंगामा
रात में आनंद वर्धन नगर निगम की गाड़ी से बस स्टैंड पहुँचा। वहाँ उसने खुद को आईजी का बेटा बताते हुए नशे की हालत में हंगामा किया और पुलिस से जोर-जबरदस्ती करने लगा। पुलिस ने जब पूछताछ की, तो पता चला कि वह दोनों मोबाइल नंबरों से कभी खुद को आईजी तो कभी उनका बेटा बता रहा था। पहचान पत्र मांगने पर वह कोई वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाया। उसका अल्कोहल टेस्ट भी अत्यधिक शराब के सेवन की पुष्टि करता है।
सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग
नगर निगम के कर्मियों ने बताया कि आनंद ने खुद को आईजी का बेटा बताकर नगर निगम की गाड़ी मंगवाई थी।जांच में पता चला है कि आरोपी ने झारखंड और बिहार के कई एसपी, डीएसपी और थानेदारों से संपर्क कर सिफारिश, गाड़ी और अन्य सरकारी सुविधाएँ ली थीं।
कबूलनामा
पूछताछ में आनंद वर्धन (निवासी पाटलिपुत्र कॉलोनी, पटना) ने कबूल किया कि वह सरकारी सुविधाओं और अनुचित लाभ के लिए खुद को आईजी, डीएसपी या उनके रिश्तेदार बताता था।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
रांची पुलिस को पहले ही इस फर्जीवाड़े की गुप्त सूचना मिली थी। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि उसने किन-किन जिलों और राज्यों के अधिकारियों से फायदा उठाया है, और क्या इस ठगी के नेटवर्क में कोई अन्य लोग भी शामिल हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।