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BIHAR POLICE : राज्य में अपराध कम हुआ है, जनता को विश्वास दिलाएं अधिकारी, त्योहारों की तैयारी को लेकर बैठक में बोले डीजीपी आलोक राज

BIHAR POLICE : राज्य में अपराध कम हुआ है, जनता को विश्वास दिलाएं अधिकारी, त्योहारों की तैयारी को लेकर बैठक में बोले डीजीपी आलोक राज

PATNA : आनेवाले पर्व त्योहारों की बेहतर कानून व्यवस्था बनाने को लेकर आज डीजीपी आलोक राज ने महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान बैठक में सभी क्षेत्र/जिलों के वरीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए डीजीपी ने विधि-व्यवस्था संधारण एवं अपराध नियंत्रण हेतु 05 बिन्दुओं पर काम करने की आवश्यकता है-Prevention, Prediction, Detection, Prosecution and Perception पर जोर दिया। 

उन्होंने कहा कि यदि घटनाएं घट जाती है तो उनका शीघ्र Detection करना होगा। अपराधियों में कानून का भय उत्पन्न करने हेतु जरूरी है कि उन्हें कानूनी रूप से सजा दिलवायी जाये। आगे उन्होंने बताया कि आपराधिक घटनाओं में कमी आयी है तथा इसको लेकर लोगों का Perception बदलने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने जिलों के पुलिस अधीक्षक सहित सभी पदाधिकारियों को लीडरशिप की भूमिका निभाने का निर्देश दिया

सांप्रदायिक हिंसा पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाने के निर्देश

साम्प्रदायिक हिंसा एवं घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। आगामी पर्व-त्योहारों को लेकर सतत् निगरानी एवं अनुश्रवण की आवश्यकता है। गंभीर अपराध के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करनी होगी। लाइसेंसी / गैर लाइसेंसी हथियारों का प्रदर्शन, हर्ष फायरिंग, चैन स्नेचिंग, बाइकर्स गैंग इत्यादि पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि आमजनों में सुरक्षा की भावना मजबूत हो। 

इस दौरान डीजपी ने कहा कि पेशेवर अपराध यथा लूट, डकैती, रंगदारी, अपहरण इत्यादि पर प्रभावकारी अंकुश लगाते हुए सजा दिलवाने की जरूरत है। संगठित अपरत्व, साइबर अपराध, भू-माफिया, शराब एवं बालू माफिया इत्यादि पर भी अंकुश लगाने की आवश्यकता है। आमजनों में पुलिस के प्रति विश्वास बनाये रखने के लिए आवश्यक है कि जन शिकायतों पर अविलम्ब कार्रवाई करते हुए उन्हें कृत कार्रवाई से अवगत कराया जाय। 

इस कम में पुलिस महानिदेशक, बिहार के द्वारा पूर्व में दिए गए अपने 6 "स" के मूलमंत्र को पुनः बताया गया। ये मूलमंत्र हैं- 

समयः घटना के बाद रिस्पांस टाइम जितना कम, पुलिस की कार्रवाई उतनी अच्छी। 

सार्थकः पुलिस की कार्रवाई सार्थक हो. जो नजर आए। अपराधियों में खौफ दिखाई दे। 

संवेदनशीलः पीड़ितों के प्रति पुलिस संवेदनशील हो। जनता की बातों को सुनें और उचित कार्रवाई करें। 

शक्तिः पुलिस सशक्त नहीं होगी तो अपराधियों के बीच कानून का डर नहीं रहेगा। कानून की शक्ति से अपराधी हरे। 

सत्यनिष्ठाः पुलिस सत्यनिष्ठ हों तथा अपनी कार्रवाई के प्रति ईमानदार होगी तभी समाज की अपेक्षाओं पर खरा उत्तर पाएगी। 

स्पीडी ट्रायलः समय से जांच कर आरोप-पत्र दाखिल करें और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाएं। अ

इस बैठक में  ए०के० अम्बेडकर, पुलिस महानिदेशक (बि०वि०स०पु०), श्री जितेन्द्र सिंह गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय),  निर्मल कुमार आजाद, पुलिस महानिदेशक (तकनीकी एवं वितंतु सेवाए), पंकज दराद, अपर पुलिस महानिदेशक (आतंकवाद निरोधक दस्ता), डॉ० अमित कुमार जैन, अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग), सुधांशु कुमार अपर पुलिस महानिदेशक (यातायात).  सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, (विशेष शाखा),  कमल किशोर सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक (बजट / कल्याण / अपील), पारस नाथ, अपर पुलिस महानिदेशक, (अपराध अनुसंधान विभाग),  बच्चु सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक (रेल), अजिताभ कुमार अपर पुलिस महानिदेशक (प्रोविजनिंग), संजय सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, (विधि व्यवस्था), अमृत राज, अपर पुलिस महानिदेशक (अभियान), सहित बिहार पुलिस मुख्यालय के कई प्रभागों के अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहें।  आर मल्लर विझी, निदेशक, (बिहार पुलिस अकादमी) भी वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से बैठक में भाग लीं। 

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