NEW DELHI > देश के शीर्ष न्यायालय ने गुजरात सरकार को बड़ा झटका दिया है। यहां न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने गुजरात सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बिलकिस बानो केस से जुड़े दोषियों की रिहाई के आदेश की समीक्षा की मांग की गई थी।
बता दें कि गुजरात सरकार ने 8 जनवरी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में राज्य के खिलाफ कुछ टिप्पणियों के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था। जिसमेंलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें गुजरात सरकार द्वारा 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ रेप और उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों को दी गई छूट को रद्द करने के अदालत के पिछले फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी।
अपनी याचिका में गुजरात सरकार ने कहा था कि 8 जनवरी के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय का यह कहना ठीक नहीं कि उसने दोषियों के साथ मिलीभगत करके काम किया है। कोर्ट की यह टिप्पणी अनुचित है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के इस तर्क पर असहमति जताई।
न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि सभी दस्तावेजों को देखने के बाद, हम संतुष्ट हैं कि रिकॉर्ड में कोई त्रुटि या समीक्षा याचिकाओं में योग्य बात नहीं है, जिसके लिए आदेश पर पुनर्विचार की आवश्यकता हो। पीठ ने कहा कि इसलिए समीक्षा याचिकाओं को खारिज किया जाता है।