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शराब दिमागी थकान और चिंता को कम करती है! जानें क्या है सच

शराब पीने से कुछ समय के लिए चिंता और दिमागी थकान कम हो सकती है, लेकिन क्या यह सच में मदद करती है? एक ताजा स्टडी के अनुसार, शराब के प्रभाव केवल अस्थायी होते हैं। पढ़ें पूरी स्टडी रिपोर्ट।

शराब

आजकल की तेज-रफ्तार जिंदगी में तनाव और दिमागी थकान एक आम समस्या बन चुकी है। ऑफिस की डेडलाइन्स, पारिवारिक जिम्मेदारियां और सामाजिक दबाव के बीच लोग अक्सर अपने मानसिक तनाव को कम करने के लिए शराब का सहारा लेते हैं। कई लोग मानते हैं कि शराब पीने से उन्हें शांति मिलती है और चिंता से राहत मिलती है। लेकिन क्या सच में शराब मानसिक तनाव और चिंता को कम करती है? हाल ही में एक स्टडी ने इस सवाल का जवाब खोजने की कोशिश की, और इसके परिणाम काफी चौंकाने वाले हैं।


शराब और दिमागी थकान का कनेक्शन

शराब पीने के बाद जैसे ही यह आपके शरीर में प्रवेश करती है, यह आपके दिमाग और शरीर पर तुरंत असर डालना शुरू कर देती है। शुरुआत में, आप थोड़ी देर के लिए तनावमुक्त और शांत महसूस कर सकते हैं, क्योंकि अल्कोहल आपके दिल की धड़कन को धीमा कर देता है और आपकी शारीरिक गतिविधि को कम कर देता है। इसका मतलब है कि पहली बार शराब पीने पर, जैसे व्हिस्की या वाइन, अल्कोहल का शांत करने वाला असर आपको अस्थायी रूप से चिंता से राहत दे सकता है।


हालांकि, यह राहत अस्थायी होती है। करम एट अल (2010) के शोध के अनुसार, हालांकि शराब शुरू में चिंता विकारों से पीड़ित लोगों के लिए चिंता के लक्षणों को कम कर सकती है, लेकिन यह राहत हमेशा के लिए नहीं होती। शराब का यह असर केवल थोड़े समय के लिए होता है, और इसके बाद यह चिंता को और बढ़ा सकता है। इसका मतलब यह है कि शराब चिंता का स्थायी समाधान नहीं है।


लंबे समय में शराब का प्रभाव

शुरुआत में शराब पीने से आपको थोड़ी शांति मिल सकती है, लेकिन इसका लंबे समय में दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। शराब दिमाग के रसायनों के संतुलन को बिगाड़ देती है, जिससे चिंता बढ़ सकती है। दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामाइन नाम के रसायन होते हैं, जो हमारे मूड को नियंत्रित रखते हैं। जब हम ज्यादा शराब पीते हैं, तो ये रसायन असंतुलित हो जाते हैं और इसके परिणामस्वरूप चिंता बढ़ सकती है।


इसके बाद, जब शराब का असर कम होता है और नशा उतरता है, तो लोग पहले से ज्यादा तनाव और चिंता महसूस करते हैं। जो लोग नियमित रूप से शराब पीते हैं, उनमें चिंता और शराब की लत का चक्कर लग सकता है। लोग शराब पीकर अपने मानसिक तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे उनकी स्थिति और खराब हो सकती है। यह एक साइकिल बन सकता है, जिसमें व्यक्ति ज्यादा शराब पीने की आदत बना लेता है, जिससे चिंता और मानसिक समस्याएं और बढ़ सकती हैं।


निष्कर्ष

रिसर्च और विशेषज्ञों के अनुसार, शराब एक अस्थायी राहत दे सकती है, लेकिन यह चिंता और दिमागी थकान को लंबे समय में कम नहीं करती। इसके विपरीत, शराब का नियमित सेवन चिंता और मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है। अगर आप तनाव से जूझ रहे हैं, तो शराब के बजाय स्वस्थ तरीके अपनाना ज्यादा प्रभावी हो सकता है। इसलिए अगली बार जब आप तनाव महसूस करें, तो शराब का सेवन करने से पहले इसके असर को अच्छे से समझ लें।




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