आजकल हेल्दी खाने और फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। सोशल मीडिया पर फिटनेस इंफ्लुएंसर्स और न्यूट्रिशन के बारे में पोस्ट्स लोगों को अपनी डाइट पर अधिक ध्यान देने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हेल्दी खाने का अत्यधिक ध्यान रखना भी एक मानसिक समस्या का कारण बन सकता है? अगर आप इस बारे में नहीं जानते, तो यह जान लीजिए कि ऐसा हो सकता है और इसे ऑर्थोरेक्सिया नर्वोसा कहते हैं।
ऑर्थोरेक्सिया नर्वोसा: क्या है यह बीमारी?
ऑर्थोरेक्सिया नर्वोसा एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपने आहार को लेकर इतना सतर्क हो जाता है कि यह उसकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर डालने लगता है। जो लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं, उनका ध्यान हमेशा इस बात पर रहता है कि कौन सा खाना सेहत के लिए सही है और क्या नहीं। इससे उनकी मानसिक शांति और सामाजिक जीवन प्रभावित हो सकता है। इन लोगों को बाहर का खाना खाने में डर और अव्यक्त तनाव महसूस होता है।
सिंहासन से नीचे बैठने की आदत
ऑर्थोरेक्सिया नर्वोसा का शिकार व्यक्ति सही आहार की तलाश में दिनभर व्यस्त रहता है, और वह खुद को हर समय खतरों से बचाने की कोशिश करता है। इसके कारण उन्हें एक तनावपूर्ण मानसिक स्थिति का सामना करना पड़ता है। समाज और परिवार से काटकर रहना और हमेशा एक ही प्रकार के भोजन के बारे में सोचना, इस बीमारी के सामान्य लक्षण हैं। यह स्थिति व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
क्या हैं इसके लक्षण?
हमेशा सही आहार को लेकर चिंता और तनाव में रहना।
बाहर के खाने से परहेज करना और घर का बना खाना ही खाना।
मानसिक तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना।
आहार में अनावश्यक सख्ती बरतना, जैसे कि किसी खाद्य समूह का पूरी तरह से परहेज करना।
क्या है इसका इलाज?
इस मानसिक स्थिति का इलाज सरल नहीं होता, लेकिन संतुलित आहार और सही मानसिक दृष्टिकोण से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
संतुलित आहार: शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। एक व्यक्ति को कार्बोहाइड्रेट, फैट्स, प्रोटीन, विटामिन्स, और मिनरल्स का संतुलित मिश्रण चाहिए। किसी एक प्रकार के खाद्य समूह से अधिक दूरी बनाने की बजाय सभी तत्वों को संतुलित रूप से खाएं।
बेहतर मानसिक स्थिति बनाए रखें: अगर कभी अपनी पसंद का कुछ खा लिया, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। यह जरूरी नहीं कि आप हमेशा हर समय सही भोजन ही खाएं। कभी-कभी तनाव मुक्त रहकर अपनी पसंद का खाना खाना, मानसिक शांति का कारण बन सकता है।
एक्सपर्ट की सलाह लें: अगर आपको खाने के बारे में अत्यधिक चिंता हो या यह आपके दैनिक जीवन को प्रभावित करने लगे, तो एक डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लेना बहुत फायदेमंद हो सकता है। वे आपको उचित दिशा दिखा सकते हैं, जिससे आप इस मानसिक स्थिति से बाहर निकल सकते हैं।
निष्कर्ष:
हेल्दी खाना शरीर के लिए जरूरी है, लेकिन मानसिक शांति और संतुलन उससे भी अधिक अहम है। यदि आप जरूरत से ज्यादा हेल्दी खाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अपने आहार को लेकर हर समय तनाव महसूस करते हैं, तो यह आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। इसलिए, संतुलित आहार लें, खुशी और मानसिक शांति को प्राथमिकता दें और किसी भी चीज़ को अपने जीवन पर हावी न होने दें।