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क्या आपके बच्चे भी हो गए हैं Exam Anxiety का शिकार? जानें बच्चों को इससे उबारा जाए

परीक्षा से पहले बच्चों को अक्सर एग्जाम एंग्जाइटी का सामना करना पड़ता है। पेट में ऐंठन से लेकर याददाश्त में कमी तक, ऐसे में कैसे मदद करें, जानिए यहां।

एग्जाम एंग्जाइटी

परीक्षा का समय बच्चों के लिए एक मानसिक और शारीरिक चुनौती बन सकता है, और अक्सर वे एग्जाम एंग्जाइटी का शिकार हो जाते हैं। खासकर बोर्ड परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर, बच्चे तनाव में रहते हैं और यह तनाव उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर असर डालता है। यदि आपके घर में भी कोई बच्चा है जो परीक्षा के दौरान तनाव महसूस करता है, तो आप उनकी मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी तरीके, जिनसे आप अपने बच्चे की एग्जाम एंग्जाइटी कम कर सकते हैं और उन्हें आत्मविश्वास से परीक्षा की तैयारी करने में मदद कर सकते हैं।


1. बच्चों में तनाव के संकेतों पर ध्यान दें

सबसे पहले, यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे में परीक्षा के तनाव के संकेतों को पहचानें। बच्चों में तनाव के लक्षण अक्सर शारीरिक रूप में नजर आते हैं जैसे पेट में दर्द, उल्टी, बुखार या चिड़चिड़ापन। अगर यह लक्षण दिखें, तो आपको बच्चे से खुलकर बात करनी चाहिए और उन्हें यह समझाना चाहिए कि उनका मूल्य केवल परीक्षा के अंकों पर निर्भर नहीं है।


2. बच्चों के साथ समय बिताएं

परीक्षा के दौरान बच्चों के पास अपने माता-पिता से बातचीत का मौका कम होता है। इसलिए, यह जरूरी है कि आप बच्चों के साथ समय बिताएं और उनकी चिंताओं को समझें। उन्हें हल्के-फुल्के तरीके से बातचीत करने के लिए प्रेरित करें। इस दौरान बच्चों को अपने विचारों को साझा करने का अवसर मिलेगा और वे मानसिक तनाव से बाहर निकलने में सक्षम होंगे।


3. नियमित ब्रेक लें

परीक्षा की तैयारी के दौरान बच्चों का दिमाग थक सकता है। लगातार पढ़ाई करने से उनकी मानसिक स्थिति प्रभावित हो सकती है। बच्चों को यह समझाएं कि उन्हें पढ़ाई के बीच में ब्रेक लेना चाहिए। आदर्श रूप से, 2 घंटे की पढ़ाई के बाद 20 मिनट का ब्रेक होना चाहिए। यह ब्रेक बच्चों को ताजगी देगा और वे अपनी पढ़ाई को और बेहतर तरीके से कर पाएंगे।


4. शारीरिक और मानसिक विश्राम का महत्व

परीक्षा के समय बच्चों को मानसिक और शारीरिक विश्राम की आवश्यकता होती है। रात को अच्छी नींद जरूरी है, ताकि वे अगली सुबह ताजगी के साथ पढ़ाई कर सकें। बच्चों को इंटरनेट या सोशल मीडिया से दूर रखें, ताकि उनका ध्यान केवल पढ़ाई पर हो। इसके अलावा, बच्चों को हल्के व्यायाम जैसे टहलने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे मानसिक रूप से शांत और तरोताजा महसूस करें।


5. अगले दिन की तैयारी करें

परीक्षा के एक दिन पहले, बच्चों को अगले दिन की तैयारी के लिए मार्गदर्शन दें। उन्हें यह समझाएं कि अगले दिन की परीक्षा के लिए उनके पास सभी सामग्री तैयार होनी चाहिए, जैसे कि पेन, पेंसिल, और अन्य आवश्यक वस्तुएं। इससे बच्चे को तनाव कम होगा और वे बिना किसी हड़बड़ी के परीक्षा में पहुंच सकेंगे।


6. सकारात्मक मानसिकता विकसित करें

माता-पिता को यह समझना चाहिए कि हर बच्चे की अपनी क्षमता होती है। इसलिए, उन्हें अपनी क्षमता से ज्यादा अंक प्राप्त करने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए। इसके बजाय, बच्चों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वे परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें और सकारात्मक मानसिकता के साथ परीक्षा की तैयारी करें।


निष्कर्ष:
परीक्षा से पहले बच्चों को होने वाली एग्जाम एंग्जाइटी एक सामान्य समस्या है, लेकिन अगर माता-पिता सही मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान करें, तो बच्चे तनाव से उबर सकते हैं और अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखने वाली बात यह है कि बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, ताकि वे परीक्षा के दौरान खुद को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त कर सकें।

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