"Sharing is Caring" यानी 'शेयरिंग इज़ केयरिंग' बच्चों के लिए एक बहुत ही अहम आदत है। यह आदत न केवल उनके व्यक्तित्व को संवारती है, बल्कि उन्हें दूसरों के प्रति सहानुभूति, दया, और प्यार सिखाती है। जब बच्चे छोटी उम्र से ही इस आदत को अपनाते हैं, तो वे बड़े होने पर भी हमेशा दूसरों का ख्याल रखते हैं। चाहे वह उनका परिवार हो, दोस्त हो, या फिर कोई और, यह आदत उन्हें जीवनभर मदद करती है।
1. उदाहरण प्रस्तुत करें
बच्चों को शेयरिंग की आदत सिखाने से पहले, सबसे जरूरी बात है कि आप खुद इस आदत का पालन करें। बच्चों के सामने उदाहरण रखें, जिससे वे सीखें कि वयस्कों को दूसरों के साथ साझा करना कितना महत्वपूर्ण है। जब बच्चा देखता है कि आप अपनी चीज़ें दूसरों के साथ साझा कर रहे हैं, तो वह भी इसे अपनाता है। उदाहरण के तौर पर, यदि आप किसी के साथ खाना या सामान साझा करते हैं, तो बच्चों को यह दिखाएं। यह उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रभावित करता है।
2. बच्चों को करें प्रोत्साहित
बच्चों को अपने खिलौने, किताबें, और अन्य सामान साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें। आप उन्हें समझाएं कि जब वे दूसरों के साथ साझा करते हैं, तो इससे दोस्ती और रिश्ते मजबूत होते हैं। बच्चों को समझाएं कि शेयरिंग का मतलब सिर्फ चीज़ों का आदान-प्रदान नहीं होता, बल्कि यह एक भावना है जो दूसरों को खुश करती है। इसके अलावा, जब बच्चा किसी से कुछ साझा करता है, तो उसे सराहें और उसकी तारीफ करें ताकि वह इसे अपनी आदत बना सके।
3. शेयरिंग के फायदे समझाएं
जब बच्चों को शेयरिंग की आदत सिखाएं, तो उन्हें इसके फायदे भी बताएं। समझाएं कि यह न सिर्फ उनके लिए अच्छा है, बल्कि इससे समाज में भी सकारात्मक बदलाव आते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी चीज़ को साझा करता है, तो यह उसे खुशी और संतुष्टि का एहसास कराता है। साथ ही, यह समाज के दूसरे सदस्यों को भी यह समझने में मदद करता है कि हम सब एक-दूसरे के बिना जी नहीं सकते। बच्चों को यह बताएं कि अगर वे दूसरों के साथ अपनी चीज़ें साझा करेंगे तो एक दिन दूसरे लोग भी उनके साथ अपनी चीज़ें साझा करेंगे।
4. बच्चों को मौके प्रदान करें
बच्चों को इस आदत को अपनाने के लिए विभिन्न अवसर प्रदान करें। जैसे कि जब घर में मेहमान आएं या बच्चे किसी दूसरे बच्चे से मिलें, तो उन्हें अपनी चीज़ें, जैसे खिलौने या चॉकलेट, एक दूसरे के साथ साझा करने के लिए कहें। ऐसे छोटे-छोटे मौके बच्चों में सहयोग और दया की भावना को मजबूत करते हैं। इसके अलावा, जब बच्चा किसी चीज़ को साझा करता है, तो उसकी सराहना करें, ताकि उसे यह समझ में आए कि यह सही है और उसे इससे खुशी मिलती है।
बच्चों में यह आदतें पैदा होती हैं:
सहानुभूति और दया: जब बच्चा दूसरों के साथ शेयर करता है, तो वह दूसरों के दुख और खुशी को महसूस करता है।
सामाजिक कौशल: शेयरिंग बच्चों को समाज में रहने और दूसरों के साथ अच्छे संबंध बनाने की आदत सिखाता है।
सहयोग और टीमवर्क: शेयरिंग बच्चों में टीम के रूप में काम करने की भावना पैदा करता है।
आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान: जब बच्चा किसी से कुछ शेयर करता है और वह उसकी सराहना करता है, तो बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है।
दूसरों के प्रति सम्मान और समझ: शेयरिंग बच्चों को यह सिखाती है कि दूसरों के सम्मान में उनकी मदद करना कितना महत्वपूर्ण है।
इन आदतों को बच्चों में अपनाने से न केवल उनका व्यक्तित्व अच्छा बनता है, बल्कि वे भविष्य में एक समझदार और सहयोगी इंसान बनते हैं। "Sharing is Caring" की आदतों को बच्चों में विकसित करना न सिर्फ आज के समय में बल्कि उनके भविष्य में भी एक अहम भूमिका निभाता है।