Parenting Tips: अगर बच्चों से प्यार है, तो रिजल्ट पर दबाव नहीं... ये करें और फर्क देखिए

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा रिजल्ट से घबराए नहीं, बल्कि मजबूत बने, तो यहां दिए गए Parenting Tips को अपनाएं। ये टिप्स न सिर्फ बच्चे के आत्मविश्वास को बनाए रखेंगे, बल्कि आपके रिश्ते को भी और मजबूत बनाएंगे।

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Parenting Tips : 'अगर अच्छे नंबर नहीं आए तो बाहर खेलना बंद कर दें, दोस्तों के साथ घूमना बंद कर दें और यहां तक कि खर्च करने के लिए पॉकेट मनी भी मिलना बंद कर दें...' आपने अपने घर में या आसपास रहने वाले पैरेंट्स को ऐसी बातें कहते हुए जरूर सुना होगा। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इन बातों का बच्चे के दिमाग पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है, जिसकी वजह से वे एंग्जाइटी का शिकार भी हो जाते हैं।


ऐसे में अगर आपके घर में किसी बच्चे का रिजल्ट आने वाला है तो उसे धमकाने की बजाय उसका हौसला बढ़ाएं, ताकि वह भी खुद को रिजल्ट की टेंशन से दूर रख सके। अपने बच्चे को रिजल्ट की टेंशन से दूर रखने के लिए आपको कुछ टिप्स फॉलो करने होंगे, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं


खुलकर बात करना है जरूरी :

रिजल्ट के समय अपने बच्चे से खुलकर बात जरूर करें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आप कभी नहीं जान पाएंगे कि बच्चे के दिमाग में क्या चल रहा है। जानें कि रिजल्ट को लेकर वे क्या सोचते हैं। इस दौरान उन्हें समझाएं कि उनका भविष्य किसी नतीजे से तय नहीं होता। सफलता और असफलता दोनों ही जीवन के अहम पहलू हैं।

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उन्हें सकारात्मक सोचने के लिए कहें :

आपके बच्चे को सकारात्मक सोचने की सलाह दी जाती है। उन्हें बताएं कि परीक्षा कैसी भी रही हो, अगर उन्हें खुद पर भरोसा है तो नतीजे अच्छे ही आएंगे। अगर बच्चे ने परीक्षा में खराब प्रदर्शन किया है तो नतीजे के समय उन्हें डांटें नहीं बल्कि उन्हें समझाएं कि कोई बात नहीं, वे भविष्य में बेहतर कर सकते हैं।


भावनात्मक समर्थन जरूरी है :

जैसे-जैसे नतीजे की तारीख नजदीक आती है, अपने बच्चे को समझाएं कि नतीजा सकारात्मक हो या नकारात्मक, आप हर कदम पर उनके साथ खड़े हैं। क्योंकि बच्चों को सबसे ज्यादा डर इस बात का होता है कि अगर नतीजा खराब आया तो उनके माता-पिता क्या प्रतिक्रिया देंगे।


उन्हें दूसरे कामों में व्यस्त रखें :

जब बच्चा हर समय खाली रहेगा तो वह हमेशा अपने नतीजे के बारे में ही सोचेगा। इसलिए उसे दूसरे कामों में व्यस्त रखें। उदाहरण के लिए, अगर आपके बच्चे की किसी चीज में रुचि है तो उसे उस चीज के लिए क्लास में दाखिला दिलाएं। नहीं तो आप उसके साथ गेम खेल सकते हैं।


उम्मीदें न बढ़ाएं :

बच्चों से कभी यह न कहें कि अगर परीक्षा के बाद उनके अच्छे नंबर आएंगे तो उन्हें यह तोहफा मिलेगा, या फिर वे यहां घूमने जाएंगे। इससे बच्चों के मन में यह संदेह पैदा होता है कि अगर उनके खराब नंबर आएंगे तो उन्हें कुछ नहीं मिलेगा और उनके परिवार वाले उनसे नाराज हो जाएंगे।


उनके प्रयासों की तारीफ करें :

हर बच्चा अपनी क्षमता के अनुसार अपनी परीक्षा में अच्छा करने की कोशिश करता है। ऐसे में अपने बच्चे के प्रयासों की तारीफ करें और उन्हें समझाएं कि मेहनत सबसे जरूरी चीज है। ऐसा करने से आपके बच्चे को मानसिक शांति भी मिलेगी।