Delhi firecracker ban: त्योहारों के बीच बढ़ी चिंता! दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लग सकता है बैन, जानें पूरा मामला

Delhi firecracker ban: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध से जुड़ा फैसला सुरक्षित रखा है। जानिए क्यों दिल्ली में करवाचौथ और दिवाली पर भी पटाखे जलाने पर रोक है और क्या इसके उल्लंघन पर कार्रवाई होगी।

Delhi firecracker ban
पटाखों पर बैन को लेकर हलचल!- फोटो : SOCIAL MEDIA

Delhi firecracker ban:  त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है — करवाचौथ, दिवाली, छठ और क्रिसमस जैसे अवसर आने वाले हैं। लेकिन दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए यह खुशियों का समय फिर से चिंता लेकर आया है, क्योंकि राजधानी में पटाखों की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर एक बार फिर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू है। हर साल की तरह इस बार भी सरकार और अदालत ने वायु प्रदूषण को देखते हुए सख्त कदम उठाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और प्रतिबंध की वजह

दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में पटाखों पर रोक लगाई थी। अदालत ने यह कहा था कि पटाखों से होने वाला धुआं न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है बल्कि यह नागरिकों के जीवन के अधिकार (Right to Life) का भी उल्लंघन है।

2024 में जब इस आदेश का उल्लंघन हुआ, तब सुप्रीम कोर्ट ने और सख्ती दिखाते हुए साफ कर दिया कि यह बैन जारी रहेगा। इसके बाद दिल्ली सरकार ने 19 दिसंबर 2024 को एक अधिसूचना जारी कर दी, जिसमें कहा गया कि 2025 में पूरे वर्ष के लिए पटाखों की बिक्री और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।

दिल्ली-एनसीआर में एक समान नियम

यह प्रतिबंध केवल दिल्ली तक सीमित नहीं है। एनसीआर (NCR) के शहरों — नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद — में भी यही आदेश लागू है।इसका मतलब है कि करवाचौथ, दिवाली, शादी या नए साल जैसे किसी भी अवसर पर पटाखे फोड़ना कानूनन अपराध है। स्थानीय पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन आदेशों की सख्ती से निगरानी कर रहे हैं।

करवाचौथ और ग्रीन पटाखों पर स्थिति

कई लोग करवाचौथ पर आतिशबाजी करने की परंपरा निभाते हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में अब यह संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश सभी अवसरों पर लागू होता है — केवल दिवाली तक सीमित नहीं।जहां तक ग्रीन पटाखों की बात है, यानी ऐसे पटाखे जिनसे कम धुआं और शोर निकलता है, इस पर फिलहाल अदालत ने निर्णय सुरक्षित रखा है। इसका मतलब यह है कि फिलहाल किसी भी प्रकार के पटाखे की बिक्री या इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।

दिल्ली सरकार की प्रदूषण रोकने की पहल

दिल्ली सरकार और पर्यावरण विभाग ने प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।GRAP (Graded Response Action Plan) लागू किया गया है, निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है और डीजल वाहनों की निगरानी बढ़ाई गई है।स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि बच्चे पटाखों से दूर रहें। सरकार का कहना है कि त्योहारों की खुशी रोशनी और सजावट से मनानी चाहिए, न कि धुएं और शोर से।

कानूनी कार्रवाई और सजा का प्रावधान

दिल्ली पुलिस ने साफ चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति या दुकानदार अगर पटाखे बेचते या फोड़ते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।उसे ₹5000 तक का जुर्माना और 6 महीने तक की जेल की सजा हो सकती है।यह नियम ऑनलाइन ऑर्डर और डिलीवरी करने वालों पर भी लागू होता है। सरकार ने ऑनलाइन पटाखे मंगवाने वालों पर विशेष निगरानी बढ़ा दी है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से क्यों जरूरी है यह बैन

हर साल दिवाली और अन्य त्योहारों के समय दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर सीवियर (Severe) श्रेणी में पहुंच जाता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं और गैसें हवा में PM 2.5 और PM 10 कणों की मात्रा कई गुना बढ़ा देती हैं।इससे सांस की बीमारियां, अस्थमा, आंखों में जलन और दिल की समस्याएं तेजी से बढ़ जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार की रक्षा सबसे पहले की जानी चाहिए, इसलिए यह प्रतिबंध आवश्यक है।

आगे क्या हो सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है, जिससे भविष्य में कुछ सीमित छूट मिल सकती है। लेकिन फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में किसी भी प्रकार के पटाखे का निर्माण, भंडारण, बिक्री या उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। सरकार और अदालत दोनों का मानना है कि स्वच्छ हवा में त्योहार मनाना ही असली उत्सव की भावना है।