Ujjain temple demolition: उज्जैन में फोरलेन निर्माण के दौरान मंदिर हटाने का विरोध! कचरा गाड़ी में लाद कर ले गया प्रशासन, मचा भारी बवाल

उज्जैन में फोरलेन निर्माण के दौरान मंदिर की मूर्तियों को कचरा गाड़ी में रखे जाने से बवाल मच गया। विश्व हिंदू परिषद सहित स्थानीय लोगों ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोला।

Ujjain temple demolition: उज्जैन में फोरलेन निर्माण के दौरान
Ujjain temple demolition- फोटो : AI GENERATED

Ujjain temple demolition: मध्य प्रदेश के उज्जैन में कोठी रोड प्रशासनिक भवन से विक्रम नगर जाने वाले फोरलेन मार्ग का निर्माण इस समय एक धार्मिक विवाद में बदल चुका है। रास्ते के बीच में आने वाले तेजाजी महाराज और माता के मंदिर को रातों-रात हटाने की कार्रवाई ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर दिया है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि हमने पहले ही आग्रह किया था कि मूर्तियों को किसी सुरक्षित स्थान पर प्रतिष्ठित किया जाए, लेकिन प्रशासन ने सीधे जेसीबी चलवा दी। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा आक्रोश उस वक्त फूटा जब मंदिर से भगवान की मूर्तियों को नगर निगम के कचरा वाहन में डाल दिया गया। स्थानीय निवासियों और हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मूर्ति विस्थापन नहीं, बल्कि अपमान है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि रात के अंधेरे में कार्रवाई की गई। मूर्तियों को कचरे में डाला गया। बिना कोई दूसरे व्यवस्था के मंदिर तोड़ दिया गया। विश्व हिंदू परिषद ने हस्तक्षेप किया है। उन्होंने माधव नगर थाने में शिकायत दर्ज किया।नगर निगम आयुक्त व इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। हालांकि, बाद में स्थानीय कलेक्टर के हस्तक्षेप के बाद मूर्तियों को मंदिर के बाहर रखवाया गया।

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मंदिर पर चला जेसीबी

उज्जैन, जहां महाकालेश्वर मंदिर जैसे विश्वप्रसिद्ध तीर्थ हैं, वहां इस तरह की प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल उठना स्वाभाविक है। नगर निगम का कहना है कि यह निर्माण जनहित में है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या जनहित के नाम पर धार्मिक भावनाओं की अनदेखी की जा सकती है?