Private Railway Station: भारतीय रेलवे ने हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे और सेवाओं के मामले में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसके अंतर्गत सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें और निजीकरण आधारित रेलवे स्टेशन देश की परिवहन प्रणाली को आधुनिक बना रहे हैं। इस पहल का मुख्य उदाहरण है मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, जो भारत का पहला निजीकरण मॉडल पर आधारित रेलवे स्टेशन है।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन: पहला निजी स्टेशन
भोपाल का हबीबगंज रेलवे स्टेशन, जिसे 13 नवंबर 2021 को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नाम दिया गया, भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन है। इसे इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (IRSDC) ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया।
नामकरण और उद्घाटन:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस स्टेशन का उद्घाटन किया और इसे मध्य प्रदेश की गौरवशाली गोंड रानी, रानी कमलापति के नाम पर पुनः नामित किया। स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है, जिससे यह यात्रियों को एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसा अनुभव प्रदान करता है।
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की प्रमुख सुविधाएं
रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, कार पार्किंग और वेटिंग लाउंज समेत सौर ऊर्जा के लिए सोलर पैनल मौजूद रहेंगे।
सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन:
प्राइवेट स्टेशन को ऐसा डिजाइन किया गया है कि यात्रियों को आपात स्थिति में 4 मिनट में सुरक्षित निकाला जा सकता है। इसके अलावा स्टेशन पर हरित ऊर्जा का उपयोग किया गया है।
स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व
रानी कमलापति, गोंड साम्राज्य की एक प्रतिष्ठित शासिका थीं, जिन्होंने गिन्नोरगढ़ के राजा निजाम शाह से विवाह किया था। उनका नाम इस रेलवे स्टेशन को देना, मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान देने का प्रतीक है।
देश के अन्य निजीकरण मॉडल रेलवे स्टेशन
रानी कमलापति स्टेशन की सफलता को देखते हुए, भारतीय रेलवे अन्य स्टेशनों को भी इसी मॉडल पर पुनर्निर्मित कर रहा है। इनमें शामिल हैं:
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन।
पुणे का शिवाजीनगर।
नई दिल्ली का आनंद विहार और बिजवासन।
गुजरात का गांधीनगर।
पंजाब का एसएएस नगर (मोहाली)।
सूरत रेलवे स्टेशन।
यह स्टेशन न केवल यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं देता है, बल्कि देश में पर्यावरण-अनुकूल और सुरक्षित परिवहन की मिसाल पेश करता है।