Popcorn: पॉपकॉर्न खाते हुए थियेटर में सिनेमा देखना किसे पसंद नहीं लेकिन अब इस पॉपकॉर्न को सरकार ने महंगाई का झटका दे दिया है. जीएसटी परिषद की हुई बैठक के बाद पॉपकॉर्न पर तीन श्रेणियों में जीएसटी लगाने की खबर है. इसमें पॉपकॉर्न साधारण नमक और मसालों से तैयार है और पैकेज्ड और लेबल्ड नहीं है, तो फिर इस पर 5 % GST लगेगी. वहीं नमक और मसालों वाला पॉपकॉर्न पैकेज्ड और लेबल्ड है तो 12% GST देना होगा. वहीं Caramel Popcorn पर 18% GST का प्रवाधान किया गया है.
जीएसटी परिषद ने पॉपकॉर्न पर कर के बारे में स्पष्टीकरण जारी करने पर सहमति जताई. परिषद ने कहा कि पहले से पैक और लेबल वाले खाने के लिए तैयार स्नैक्स पर 12 प्रतिशत कर लगेगा. जीएसटी परिषद ने कहा कि अगर स्नैक्स कारमेलाइज्ड है, तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा. हालाँकि केंद्रीय वित्त मंत्री ने साफ किया है कि पॉपकॉर्न पर पहले से ही तीन तरह के टैक्स लगते रहे हैं उसी पर परिषद में स्पष्टीकरण जारी हुआ है.
पॉपकॉर्न का हजारों करोड़ का बाजार
एक अनुमान के मुताबिक पूरी दुनिया में पॉपकॉर्न का बाजार 75 हजार करोड़ रुपए है. भारत में भी पॉपकॉर्न का कोई छोटा मोटा बाजार नहीं है. बाजार के डेटा के अनुसार भारत में पॉपकॉर्न का मार्केट साइज करीब 1200 करोड़ रुपए का है. वहीं बाजार जानकारों की मानें तो वर्ष 2030 तक पॉपकॉर्न का भारतीय बाजार करीब 2600 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
मल्टीप्लेक्सों को पॉपकॉर्न का बड़ा बाजार
भारत में पिछले दो दशकों में मल्टीप्लेक्सों की संख्या तेजी से बढ़ी है. मल्टीप्लेक्सों में सिनेमा के शौकीनों को सनेक्स के रूप में पॉपकॉर्न परोसा जाना भी उसी तेजी से बढ़ा है. एक रिपोर्ट के अनुसार मल्टीप्लेक्स पीवीआर प्रतिदिन औसतन 18,000 पॉपकॉर्न टब बेचता है. इसी तरह देश के अन्य मल्टीप्लेक्स में भी हर दिन करोड़ों रुपए के पॉपकॉर्न व्यापार होता है. इतना ही नहीं अन्य प्रकार के आयोजनों में भी सनेक्स के रूप में पॉपकॉर्न तेजी से हर जगह पसंदीदा बना है. ऐसे में हजारों करोड़ के मार्केट साइज वाले पॉपकॉर्न की बढती खपत से अब बड़े स्तर पर टैक्स वसूलना भी सरकार की प्राथमिकता में है.