Atul Subhash case: AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया, और भाई अनुराग उर्फ पीयूष को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। बेंगलुरु पुलिस ने चार दिनों की सघन तलाश के बाद इन्हें गिरफ्तार किया। निकिता को गुरुग्राम से पकड़ा गया, जबकि निशा और अनुराग प्रयागराज के झांसी स्थित एक होटल में छिपे हुए थे। पुलिस ने इस कार्रवाई को पूरी गोपनीयता और रणनीति के साथ अंजाम दिया। फिल्मी अंदाज में हुई इस गिरफ्तारी में पुलिस ने पेशेवर ढंग से सबूत जुटाए और आरोपियों को हिरासत में लिया।
गिरफ्तारी का पूरा घटनाक्रम
बेंगलुरु पुलिस ने निकिता को एक पीजी से गिरफ्तार किया। वहीं, निशा और अनुराग की लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस झूंसी के एक होटल तक पहुंची। होटल में प्रवेश के दौरान महिला कांस्टेबल विनीथा ने खुद को नर्स और सिपाही शिवप्पा ने डॉक्टर बताया। उन्होंने होटल के कर्मचारियों को कोई शक नहीं होने दिया।
पुलिस ने होटल के रजिस्टर की गेस्ट लिस्ट की फोटो ली, जिसमें पता चला कि आरोपी मां-बेटा कमरा नंबर 111 में ठहरे हुए हैं। पुलिस ने उसी फ्लोर पर दो अन्य कमरे (101 और 108) बुक किए। रातभर निगरानी करने के बाद सुबह 8 बजे उन्होंने कार्रवाई शुरू की। दरवाजा खटखटाने पर अनुराग ने काफी देर बाद दरवाजा खोला। अंदर निशा डरी-सहमी बैठी थीं। पुलिस को सामने देखकर दोनों घबरा गए। पूछताछ के बाद सुबह 11 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सीसीटीवी फुटेज ने की पुष्टि
निशा और अनुराग के होटल में छिपे होने की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हुई। फुटेज में बुधवार रात दोनों होटल में प्रवेश करते नजर आए। दोनों ने वही कपड़े पहने थे, जो फरार होते समय पहने हुए थे। जानकारी के मुताबिक, चार दिन के होटल प्रवास के दौरान निशा होटल से बाहर नहीं निकलीं, जबकि अनुराग केवल मास्क पहनकर बाहर गया।
क्या है अतुल सुभाष सुसाइड केस?
9 दिसंबर को AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़कर आत्महत्या कर ली थी। नोट में उन्होंने पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग, और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया पर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया।अतुल के भाई विकास की शिकायत पर पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया। निकिता, निशा, और अनुराग की गिरफ्तारी के बाद चाचा ससुर सुशील सिंघानिया अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
न्यायिक हिरासत में आरोपी
गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले की जांच जारी है।