NRC News: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC), यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, देश में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। हाल ही में, असम राज्य ने आधार कार्ड जारी करने के लिए एनआरसी रसीद को अनिवार्य बना दिया है। अब यह संभावना जताई जा रही है कि अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार के कदम उठाए जा सकते हैं।
असम में आधार कार्ड के लिए एनआरसी रसीद अनिवार्य
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने घोषणा की थी कि एनआरसी नंबर या रसीद के बिना आधार कार्ड जारी नहीं होगा। यह आदेश अक्टूबर 2024 से लागू कर दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि केवल एनआरसी रसीद और उसकी हार्ड कॉपी जमा करने पर ही आधार कार्ड बनाया जाएगा।
आदेश के उद्देश्य
विदेशी नागरिकों की पहचान: आदेश का मुख्य उद्देश्य संदिग्ध विदेशियों की पहचान करना है।
संदिग्ध जनसंख्या पर नियंत्रण: असम सरकार का मानना है कि आधार कार्ड के लिए जनसंख्या से अधिक आवेदन दर्शाते हैं कि कई अवैध नागरिक राज्य में मौजूद हैं।
आवेदनों की सख्त जांच: एनआरसी प्रक्रिया के दौरान जिन 9.55 लाख लोगों के बायोमेट्रिक्स लॉक किए गए थे, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा।
क्या है एनआरसी का महत्व?
एनआरसी भारत के नागरिकों की पहचान करने के लिए एक सरकारी प्रक्रिया है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि केवल भारतीय नागरिक ही सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। असम में विदेशियों की आमद पर रोक लगाने के लिए एनआरसी को आधार कार्ड जारी करने से जोड़ा गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वैध नागरिकों को आधार कार्ड का अधिकार मिले।
अन्य राज्यों में संभावनाएं
सूत्रों के मुताबिक, असम की तर्ज पर देश के सबसे बड़े राज्य में भी एनआरसी रसीद को आधार कार्ड जारी करने के लिए अनिवार्य किया जा सकता है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
संभावित प्रभाव:
आवेदन प्रक्रिया में सख्ती: अन्य राज्यों में आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया और कठिन हो सकती है।
विदेशियों की पहचान: यह कदम अवैध रूप से रह रहे विदेशियों की पहचान करने में मददगार हो सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव: इस फैसले के समर्थन और विरोध में विभिन्न विचार सामने आ सकते हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का बयान "असम में आधार कार्ड हासिल करना अब आसान नहीं होगा। राज्य में कई जिलों में आबादी से अधिक आवेदन संदिग्ध नागरिकों की उपस्थिति की ओर इशारा करते हैं। हम इस प्रक्रिया को सख्त बनाएंगे।"
आंकड़े:
बारपेटा जिले में 103.74%
धुबरी जिले में 103%
मोरीगांव और नागांव जिलों में 101% आवेदन दर्ज किए गए हैं।