Diwali puja 2024: भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय और सुख-समृद्धि का देवता माना जाता है। घर में उनकी मूर्ति की स्थापना से जीवन में सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरे होते हैं। गणेश जी की मूर्ति में उनकी सूंड की दिशा को लेकर विशेष मान्यताएं हैं। आइए जानते हैं कि उनकी मूर्ति में सूंड की दिशा किस प्रकार हमारी जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभ फल प्रदान कर सकती है।
1. बाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाले गणेश जी की मूर्ति
गणेश जी की बाईं ओर मुड़ी हुई सूंड को शुभ माना जाता है। इसे इड़ा नाड़ी या चंद्र ऊर्जा से प्रभावित माना जाता है। इस प्रकार की मूर्ति की पूजा स्थायीत्व और स्थिरता प्रदान करती है, जो शिक्षा, धन, व्यापार, प्रगति, संतान सुख, और पारिवारिक सुख के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। बाईं सूंड वाली मूर्ति से घर में सकारात्मकता और शांति का वास होता है।
2. दाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाले गणेश जी की मूर्ति
दाहिनी ओर मुड़ी हुई सूंड वाली मूर्ति को पिंगला नाड़ी या सूर्य ऊर्जा से प्रभावित माना जाता है। इसे सिद्धिविनायक भी कहते हैं। इस प्रकार की मूर्ति उग्रता, शक्ति प्रदर्शन, और शत्रु पराजय के लिए शुभ मानी जाती है। दाहिनी ओर सूंड वाली मूर्ति को पूजा स्थान पर स्थापित करने से बड़े से बड़े संकट भी दूर हो सकते हैं और घर में ऊर्जावान माहौल बनता है।
3. दक्षिण दिशा की ओर सूंड वाली मूर्ति
गणेश जी की कुछ मूर्तियों में उनकी सूंड दक्षिण दिशा में होती है। इस प्रकार की मूर्ति को लेकर मान्यता है कि इससे व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मृत्यु का भय खत्म होता है। हालांकि, इसे विशेष ध्यान और विधिवत पूजा के साथ रखा जाना चाहिए।
मूर्ति स्थापना के कुछ महत्वपूर्ण सुझाव
गणेश जी की मूर्ति हमेशा साफ और व्यवस्थित जगह पर रखें।
मूर्ति की सूंड की दिशा को ध्यान में रखकर स्थापना करें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
नियमित पूजा और गणेश जी के मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
भगवान गणेश की मूर्तियों में उनकी सूंड की दिशा का महत्व विशेष रूप से देखा जाता है। इन मूर्तियों का सही प्रकार से पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति, और रिद्धि-सिद्धि का वास होता है।