Bharat Longest Railway Tunnel: देश का सबसे लंबा 105 किमी रेलवे सुरंग का काम हुआ पूरा, चार धाम यात्रा हो गई आसान, इसमें होंगे 11 स्टेशन

Bharat Longest Railway Tunnel: देश का सबसे लंबा 105 किमी रेलवे सुरंग का काम लगभग पूरा हो चूका है। इस रेलवे सुरंग के निर्माण से चार धाम की यात्रा आसान हो जाएगी। इस रेलवे सुरंग में 11 स्टेशन होंगे।

Rishikesh Karnprayag rail line
Rishikesh Karnprayag rail line - फोटो : प्रतिकात्मक

Bharat Longest Railway Tunnel:  भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज के उद्घाटन के बाद अब देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। भारतीय रेलवे ने उत्तराखंड में इस परियोजना पर तेजी से काम किया है, और यह रेलवे ट्रैक सबसे अधिक दूरी वाली सुरंगों के लिए भी जाना जाएगा। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक बनने वाली यह रेल लाइन चारधाम यात्रा को आसान और सुगम बनाएगी।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन

भारतीय रेलवे उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना पर कार्य कर रहा है। इस ट्रैक की कुल लंबाई 125.20 किलोमीटर है, जिसमें से 105 किलोमीटर का हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। यह देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग होगी। जो इस सफर को केवल 2 घंटे में पूरा करेगी। वर्तमान में सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में लगभग 7 घंटे लगते हैं। इस परियोजना के पूरा होने से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रा की लागत भी कम होगी।

213 किलोमीटर तक निर्माण

रेलवे मंत्रालय ने हाल ही में जानकारी दी कि इस परियोजना में सुरंगों और स्टेशनों का निर्माण तेजी से प्रगति पर है। कुल 213 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जानी है। जिसमें से 176 किलोमीटर का काम पहले ही पूरा हो चुका है। इसके अलावा 11 स्टेशनों का निर्माण भी जारी है। यह रेलवे ट्रैक न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचने में भी सहूलियत प्रदान करेगा।

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पांच जिलों को मिलेगा लाभ

सुरंग को दो भागों में विभाजित किया गया है। एक मुख्य सुरंग होगी, जिसमें से ट्रेनें गुजरेंगी, जबकि दूसरी सुरक्षा सुरंग होगी। जिसका उपयोग आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा। दोनों सुरंगों को हर 500 मीटर पर जोड़ने के लिए क्रॉस रोड बनाई जा रही है। इस परियोजना से उत्तराखंड के पांच जिलों - देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली - को सीधा लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, चारधाम यात्रा करने वालों के लिए भी यह रेल लाइन एक बड़ी सुविधा होगी।