भारतीय क्रिकेट के पूर्व सितारे अजय जडेजा ने अपने खेल से जितना सुर्खियों में नाम कमाया, अब वे शाही विरासत से भी इतिहास रच रहे हैं। 53 साल की उम्र में, अजय जडेजा को गुजरात के जामनगर के शाही सिंहासन का वारिस घोषित किया गया है। दशहरे के शुभ अवसर पर, 12 अक्टूबर को उनके चाचा महाराजा शत्रुशल्यसिंह जडेजा ने औपचारिक रूप से उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया, जिससे उनकी संपत्ति में अचानक बड़ा उछाल आया। रिपोर्टों के अनुसार, अब अजय जडेजा की कुल संपत्ति ₹1,450 करोड़ के पार पहुंच चुकी है, जो उन्हें विराट कोहली जैसे दिग्गज क्रिकेटर से भी अमीर बना रही है। विराट कोहली, जिनकी कुल संपत्ति लगभग ₹1,000 करोड़ है, अब अजय जडेजा से पीछे रह गए हैं। जडेजा का यह सफर क्रिकेट से शाही विरासत तक का है, जो उन्हें भारतीय खेल जगत की सबसे अमीर हस्तियों में शामिल करता है।
शाही विरासत और क्रिकेट का मेल
अजय जडेजा का ताल्लुक नवानगर के शाही परिवार से है, जो भारतीय क्रिकेट के महानायक रणजीतसिंहजी जडेजा का वंशज है। रणजीतसिंहजी का नाम क्रिकेट की प्रसिद्ध रणजी ट्रॉफी से भी जुड़ा हुआ है। अजय के चाचा, महाराजा शत्रुशल्यसिंह जडेजा, जिन्होंने 1971 से 1984 तक संसद सदस्य के रूप में सेवाएं दीं, ने शाही गद्दी पर बैठने के बाद अजय को अपना उत्तराधिकारी चुना। इसके साथ ही अजय जडेजा का नाम शाही इतिहास और क्रिकेट की सुनहरी किताबों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया।
अजय जडेजा की क्रिकेट यात्रा
1 फरवरी 1971 को जामनगर के शाही परिवार में जन्मे अजय जडेजा ने 90 के दशक में भारतीय क्रिकेट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 15 टेस्ट और 196 वनडे मैच खेले, जिनमें लगभग 6,000 रन बनाए, जिसमें 6 शतक और 30 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और मैच फिनिश करने की कला ने उन्हें उस दौर का सबसे विश्वसनीय खिलाड़ी बना दिया था।
क्रिकेट से सिंहासन तक का सफर
आज, अजय जडेजा का नाम सिर्फ क्रिकेट में नहीं, बल्कि शाही परिवार की संपत्ति और विरासत में भी बड़े गर्व के साथ लिया जा रहा है। क्रिकेट से लेकर शाही सिंहासन तक का उनका यह सफर किसी रोमांचक फिल्म की कहानी से कम नहीं है, और उनकी संपत्ति में आया यह बड़ा उछाल उन्हें भारत के सबसे अमीर क्रिकेटरों की सूची में सबसे ऊपर ले जाता है