शबनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है.... जब भोला बाबू के भाषण से मंत्रमुग्ध हो गये थे लोकसभा के सदस्य

PATNA : इस बस्ती में हाय कौन आंसू पोंछेगा
जो मिलता है सबका दामन भींगा लगता है
कितने प्यासे होंगे यारो सोचो तो
शबनम का कतरा भी जिनको दरिया लगता है
डॉ. भोला प्रसाद सिंह एक विद्वान प्रोफेसर और प्रखर राजनेता थे। जब वे संसद में बोलते थे तो सारा सदन मंत्रमुग्ध हो कर उनकी बातों को सुनता था। शेरो शायरी से सजे उनके भाषण पर सदन में वाह- वाह की आवाज गूंजने लगती थी। 2014 के मानसून सत्र में ऐसा ही एक भाषण उन्होंने लोकसभा में दिया था। उपर्युक्त पंक्तियां उसी भाषण का हिस्सा हैं। जब उन्होंने ये शेर पढ़ा तो सदन में वाह! वाह की आवाज आने लगी।
बरसात ने दिल तोड़ दिया
1 अगस्त 2014 को संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में बाढ़ और सूखाड़ पर चर्चा चल रही थी। इस चर्चा में शामिल होते हुए बेगूसराय के भाजपा सांसद भोला प्रसाद सिंह ने विख्यात गायिका बेगम अख्तर के गीतों के बहाने बादलों के रुठने की बात कही थी। उन्होंने कहा था- अबकी आएगी बरसात, बरसेगी शराब, आयी बरसात पर बरसात ने दिल तोड़ दिया।
हजारों नदियां फिर भी सूखा
उन्होंने लोकसभा में कहा था, मैं बिहार से आता हूं। बिहार विडम्बनाओं का राज्य है। सांस्कृतिक संभावनाओं का राज्य है। यह देश भी विडम्बनाओं से भरा है। सम्पूर्ण देश को गंगा-यमुना की धारा पखारती है। हमारे देश में हजारों नदियां है, सैकड़ों जलाशय, चौर और झील हैं लेकिन फिर भी देश सूखे की समस्या का सामना कर रहा है। नदियों को जोड़ने की योजना आज तक नहीं बन सकी। नेपाल से आने वाली नदियों का जल प्रबंधन नहीं किया जा सका। इस लिए हर साल बाढ़ की मार भी झेलनी पड़ती है। इतिहास के आधुनिक दौर में हमने प्रकृति पर कब्जा करने की कोशिश की है। उसका दुष्परिणाम सबके सामने हैं। सरकार बाढ़ और सुखाड़ से निबटने के लिए बेहतर जल प्रबंधन करे।
मेरी आंख बंद रहती है, मेरा नाम भोला है
जब भोला बाबू बोल रहे थे उस समय सदन की कार्यवाही का संचालन थम्बीदुरैय कर रहे थे। भोला बाबू आंख मूंद कर अपना भाषण कर रहे थे। इस बीच थम्बीदुरैय के जाने का बाद आसन पर सांसद रत्ना डी नाग बैठ चुकी थीं। भोला बाबू अपनी रौ में बोले जा रहे थे। इस बीच रत्ना डी नाग ने उनको समय पूरा होने का संकेत किया। तब भोला बाबू ने अपनी आंखें खोलीं और कहा, महोदया आप कब आयीं मुझे पता ही नहीं चला, मेरी आंख बंद रहती है, मेरा नाम भोला है... इतना कहते ही सदन में ठहाका लग गया। देश ने अब इस प्रखर राजनेता को खो दिया है।