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NSMCH में इंडियन IAPSM का 12वां राज्यस्तरीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, कई राज्यों के 250 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

NSMCH में इंडियन IAPSM का 12वां राज्यस्तरीय सम्मेलन का हुआ आयोजन, कई राज्यों के 250 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

PATNA: बिहटा के अमहरा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एन्ड हॉस्पिटल में इंडियन आईएपीएसएम का 12वां राज्यस्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों के करीब 250 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में शामिल आईएपीएसएम के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. एजी कुलकर्णी ने संस्थान की महत्व को लेकर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि बदलते वैश्विक और स्वास्थ्य परिवेश में सामुदायिक चिकित्सा (सीएम) के अनुशासन को भारत में और अधिक प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है। 

सम्मेलन का शुभारंभ आईएपीएसएम के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. एजी कुलकर्णी, सेक्रेटरी जेनरल प्रो. डॉ. पुरुषोत्तम गिरी, स्टेट प्रेसीडेंट डॉ. संजय कुमार, स्टेट सेक्रेटरीडॉ सेतु सिन्हा,एनएसएमसीएच के मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्ण मुरारी सिंह ,प्रचार्य डॉ अशोक शरण, प्रोफेसर एन्ड हेड डिपार्टमेंट ऑफ कॉम्युनिटी मेडिसिन डॉ अनिमेष गुप्ता,एसोसियेट प्रोफेसर डॉ गीतिका सिंह,कॉन्वेनर डॉ मधु प्रिया,ज्योइन्ट सेक्रेटरी डॉ अबिन्द प्रसाद आदि के द्धारा संयुक्त रूप से दीपप्रज्वलन कर किया गया।

कार्यक्रम में पंहुचे अथितियों एवं चिकित्सकों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए संस्था निदेशक कृष्ण मुरारी सिंह ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि इतना बड़ा सम्मेलन आज एनएसएमसीएच के प्रांगण आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज संस्था के सदस्यों के उत्कृष्ट ध्यानाकर्षण एवं समर्पण के कारण एक अच्छी मुकाम पा रहा है। समाज के प्रति सकारात्मक सोच रखने के कारण आज सितवंतो देवी महिला सेवा संस्थान के समस्त भिन्न भिन्न संस्थाओं में हज़ारों बच्चे ज्ञान पाकर देश और विदेश में अपना परचम लहरा रहे हैं। 

वहीं आईएपीएसएम के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ. एजी कुलकर्णी ने कहा कि इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन, सामुदायिक चिकित्सा/सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय स्तर की व्यावसायिक संस्था है। आईएपीएसएम के सदस्य निवारक और सामाजिक चिकित्सा, सामुदायिक चिकित्सा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, महामारी विज्ञान, स्वास्थ्य प्रबंधन, स्वास्थ्य संवर्धन और पारिवारिक चिकित्सा के विशेषज्ञ होते हैं।

उन्होंने कहा कि आज बदलते वैश्विक और स्वास्थ्य परिवेश में सामुदायिक चिकित्सा (सीएम) के अनुशासन को भारत में और अधिक प्रासंगिक बनाने की आवश्यकता है। वहीं सेक्रेटरी जेनरल प्रो. डॉ पुरुषोत्तम गिरी ने कहा कि पूरे भारत से इसके हज़ारों हज़ार सदस्य मेडिकल कॉलेजों, राष्ट्रीय और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभागों, विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में अनुसंधान, प्रशिक्षण, महामारी विज्ञान, निगरानी आदि के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसके अलावा, इसके कई सदस्य अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामुदायिक सशक्तीकरण प्राप्त करने के लिए सामुदायिक गतिशीलता के माध्यम से स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल वितरण सेवाओं की योजना बना उसे व्यवस्थित करने की जरूरत है।

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