शिवहर रेललाइन परियोजना के लिए चाहिए 204 करोड़ लेकिन रेलवे ने जारी किया 1000 रुपए, गुस्साए युवक ने दिया करारा जवाब

पटना. बिहार में 76 किलोमीटर की रेललाइन परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार रुपए जारी किया है. ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह परियोजना कैसे पूरी होगी जबकि इसके लिए 204 करोड़ रुपए की लागत चाहिए. 1000 रुपए के प्रावधान वाली यह परियोजना है शिवहर जिले से जुडी हुई. दरअसल, शिवहर बिहार का एक ऐसा जिला है जो आज तक रेल सेवा से नहीं जुड़ पाया है. ऐसा नहीं है कि शिवहर में रेलवे लाइन पहुँचाने की पहल नहीं हुई हो. शिवहर को रेल के नक्शे पर लाने के लिए वर्ष 2007 में ही तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने सीतामढ़ी-बापूधाम वाया शिवहर रेल लाइन का शिलान्यास किया था. लेकिन 16 साल बीत जाने के बाद भी सीतामढ़ी-बापूधाम वाया शिवहर रेल लाइन का 76 किलोमीटर रेल खंड आजतक नहीं पूरा हुआ है. अब तो लोगों को लगता है कि उनके साथ हर रेल बजट में सिर्फ मजाक किया जाता है.
न केवल सीतामढ़ी-बापूधाम वाया शिवहर रेल लाइन बल्कि बिहार में ऐसे करीब 20 रेल परियोजनाएं हैं जिसके लिए इसी तरह महज 1000 रुपए का प्रावधान किया गया है. आरा-सासाराम रेल लाइन, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेल लाइन, दरभंगा-कुशेश्वरस्थान रेल लाइन, मोतिहारी-सीतामढ़ी रेल लाइन प्रमुख हैं. ये ऐसी परियोजनायें हैं जिसके लिए वर्षों पूर्व प्रावधान किया गया लेकिन आज तक इसे पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में लोगों को जब मात्र 1000 रुपए जारी होने की जानकारी मिली तो उन्हें गुस्सा भी आया है.
ऐसे जब सीतामढ़ी-बापूधाम वाया शिवहर रेल लाइन के लिये मात्र 1000 रुपए का प्रावधान किया गया तो इससे गुस्साए एक व्यक्ति ने अब रेल मंत्री को ही 1000 रुपए का चेक भेज दिया है. शिवहर के रहने वाले आर्यन चौहान इसे रेल मंत्रालय द्वारा शिवहर के लोगों को ठगने वाला कदम कहा. उन्होंने गुस्से में आकर रेल मंत्रालय के नाम एक हजार एक रुपये का चेक काटा और विभाग को भेज दिया.
आर्यन ने कहा है कि वे रेल मंत्रालय को एक हजार एक रुपया वापस कर चेतावनी दे रहे हैं कि रेलवे शिवहर के लिए गंभीर हो. अगर परियोजना को पूरा करने के पर्याप्त धन नहीं मिला तो इलाके के युवा आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे. उन्होंने सांसद रमा देवी को भी निशाने पर लिया और उन्हें क्षेत्र की उपेक्षा करने वाला बताया.