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बोधगया में धूमधाम से मनाई गयी भगवान बुद्ध की 2566 जयंती, राज्यपाल फागू चौहान सहित कई देशों के श्रद्धालू हुए शामिल

बोधगया में धूमधाम से मनाई गयी भगवान बुद्ध की 2566 जयंती, राज्यपाल फागू चौहान सहित कई देशों के श्रद्धालू हुए शामिल

GAYA : बोधगया में भगवान बुद्ध की 2566 त्रिविघ पावन जयंती बड़े ही धूमधाम से धार्मिक माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान व विशिष्ट अतिथि के रूप में थाईलैंड के कोलकाता दूतावास में प्रतिनियुक्त कॉन्सुल जनरल अचारापान यावारपास शामिल हुए। महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे जयंती समारोह का आयोजन किया गया था। समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल फागू चौहान ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद पेरोवाद व महायान पंथ के बौद्ध भिक्षुओं, लामाओ व धर्म गुरुओं द्वारा विश्व शांति हेतु विशेष प्रार्थना की गई। वहीँ इस मौके पर बीटीएमसी द्वारा प्रकाशित सालाना पत्रिका प्रज्ना 2022 का विमोचन किया गया। विश्व शांति प्रार्थना में भारत, नेपाल, सिंगापुर, थाईलैंड, कंबोडिया, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, मयंमार, इंडोनेशिया सहित कई बौद्ध देशों के बौद्ध धर्मगुरु शामिल हुए। 

बताते चलें की बौद्ध धर्म में आस्था रखने वाले बौद्ध अनुयायियों के लिए वैशाख पूर्णिमा खासा मायने रखता है। बुद्ध जयंती हर वर्ष वैशाख पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसी दिन गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति व महापरिनिर्वाण हुआ था। ऐसा संयोग किसी के साथ नहीं देखा गया है। इसी दिन 563 ईसा पूर्व ने महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। 483 ईसा पूर्व में भगवान बुद्ध को कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त हुआ था। 

वैशाख पूर्णिमा के दिन ही राजकुमार सिद्धार्थ को बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वह राजकुमार सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने। बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में आज 50 करोड़ से ज्यादा लोग हैं और भगवान बुद्ध का संदेश आज भी प्रासंगिक है। जयंती समारोह की शुरुआत सुबह बोधगया स्थित 80 फिट मूर्ति के पास से महाबोधि मंदिर तक देशी विदेशी बौद्ध भिक्षुओं और विभिन्न बौद्ध मठों के धर्म गुरु लामाओं व श्रद्धालु और स्कूली बच्चों द्वारा भव्य आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई। जो महाबोधि मंदिर स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे पहुंचकर धर्म सभा में तब्दील हो गई।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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