नई दिल्ली. चक्रवाती तूफान जवाद अगले 12 घंटों में ओडिशा और आंध्र प्रदेश के समुद्री तटों से टकराएगा. तूफान के संभावित रफ्तार को देखते हुए दोनों राज्यों में एहतियात बरते जा रहे हैं. तूफान से निपटने और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चलाने के लिए एनडीआरएफ ने कमर कस ली है.
एनडीआरएफ की 46 टीमें प्रभावित राज्यों में पहुंच गई हैं. एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने शुक्रवार को बताया कि एनडीआरएफ की कुल 46 टीमों को ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश भेजा गया है और उन्हें वहां तैनात किया गया है। किसी भी दल को एयरलिफ्ट करने की स्थिति उत्पन्न होने पर आईडीएस अलर्ट पर है। साथ ही 18 और टीमें स्टैंडबाय पर हैं जिन्हें जरूरत के हिसाब से राहत एवम बचाव कार्यों में लगाया जायेगा.
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के डीजी मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में चक्रवात अलर्ट की घोषणा की गई है. यह एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है और शनिवार शाम तक इसके विशाखापत्तनम पहुंचने की संभावना है. भारी बारिश के कारण बिजली और टेलीफोन लाइनें बाधित हो सकती हैं. आंध्र प्रदेश के बाद में चक्रवात ओडिशा की ओर बढ़ेगा और सभी तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा होगी। 4 दिसंबर को बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। हवा की शुरूआती गति 50-55 किमी / घंटा होने की उम्मीद है जो धीरे-धीरे बढ़कर 100 किमी / घंटा हो जाएगी. चक्रवाती तूफान के कारण शनिवार को आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है.
इस बीच एहतियात के तौर पर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और श्रीकाकुलम जिलों में सभी शिक्षण संसथान बंद कर दिए गए हैं. विभाग की मानें तो 4 से 6 दिसम्बर तक जवाद का सर्वाधिक असर देखा जायेगा. इस दौरान तेज हवा के साथ ही भरी बारिश की सम्भावना है. तूफान के खतरे को देखते हुए पूर्व तटीय रेलवे विशाखापत्तनम जिले से लगभग 65 ट्रेनों को रद्द कर दिया है.