SITAMADHI : जिला का 52वां स्थापना दिवस समारोह बड़ी धूमधाम एवं हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। स्थानीय कलाकारों के द्वारा गीत संगीत की प्रस्तुति के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन के द्वारा कराया जा रहा है। प्रभात फेरी के साथ जिला स्थापना दिवस के कार्यक्रम के विधिवत शुभारंभ किया गया। विभिन्न कार्यक्रमों के साथ शाम में पड़ोसी जिला मुजफ्फरपुर से आए प्रसिद्ध कलाकार बंटी सिंह बावला एन.सी.जी.सी.सी प्रयागराज के टीम के द्वारा जिले का गौरव गान धन्य धन्य मिथिला की मिट्टी पावन भूमि महान है जहां प्रकट भई जनक नंदनी सीतामढ़ी ओ धाम है के साथ संगीतमय कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
संगीत के दौरान बिहार गीत, झिझिया, मां सीता जन्म कथा, कजरी गीत, भोजपुरी, मैथिली गीतों पर आधारित गीत संगीत की शानदार प्रस्तुति हवाई अड्डा के मैदान में की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा, नगर विधायक डॉ. मिथिलेश कुमार जिला परिषद अध्यक्ष अदिति कुमारी, परिहार विधायक श्रीमती गायत्री देवी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने अपने संबोधन के दौरान समस्त जिले वासियों को स्थापना दिवस की शुभकामना के साथ बताया कि जिला उत्तरोत्तर विकास के पद पर अग्रसर रहे। इसी कामना के साथ मुझे यह कहते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि हमारा सीतामढ़ी जिला देश और राज्य के विकास के साथ कदम से कम मिलाते हुए समग्र विकास की ओर अग्रसर है। समावेशी विकास की नीति के तहत सरकार की पहल पर चलाई जा रही विभिन्न लोक कल्याणकारी योजनाओं के हमारा जिला भी विकास के पद पर आगे बढ़ रहा है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, विद्युत, कानून व्यवस्था, आधारभूत संरचना, महिला सशक्तिकरण तथा अन्य क्षेत्रों में सरकार के द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं से जिले की जनता लाभान्वित हो रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे जिले में अमन चैन कायम रहे आपसी भाईचारा प्रेम एवं सामाजिक सद्भाव के साथ एक नजीर बन ऐसी हमारी कामना है। नगर विधायक मिथिलेश कुमार ने स्थापना दिवस पर शुभकामना देते हुए कहा कि यह भूमि गौरवशाली इतिहास धरोहर और संस्कृति से परिपूर्ण है सीतामढ़ी जिला ऐतिहासिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण एक महत्वपूर्ण जिला है जो आदर्श नारी की प्रेरणा स्रोत मां जानकी की जन्मस्थली भी है। विधायक गायत्री देवी ने सीतामढ़ी जिला के पौराणिक कथाओं में एक पवित्र भूमि बताया।
कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें कबड्डी, खो. खो.और भारत्तोलन प्रतियोगिता आयोजित किया गया था। उर्दू मुशायरा सह कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था। जिसमें जिले के नाम चीन और मकबूल शेरों ने अपने शेर गजरा और नज्मों की बेहतरीन प्रस्तुति दी।