इंडियन एयरफोर्स की 91 वीं वर्षगांठ, वायुसेना का बदल जाएगा ध्वज, जानें भारतीय हवाईसेना का इतिहास

इंडियन एयरफोर्स की 91 वीं वर्षगांठ, वायुसेना का बदल जाएगा ध्वज, जानें भारतीय हवाईसेना का इतिहास

देश एयरफोर्स डे मना रहा है. 91वीं वर्षगांठ  वायुसेना मना रही है. हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है. भारतीय वायु सेना  का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को भारतीय वायु सेना अधिनियम के तहत किया गया था. पहली बार यूनाइटेड किंग्डम की रोयल एयरफोर्स की सपोर्टिंग एयरफोर्स के रूप में 1932 में भारतीय एयरफोर्स का गठन हुआ था.वायुसेना की स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम चंडीगढ़ में होगा. 16 साल बाद ऐसा पहली बार होगा जब एयरफोर्स डे परेड का आयोजन हिंडन एयर बेस गाजियाबाद से बाहर होगा. जब भारत के स्वतंत्रता मिली तो 15 जनवरी 1949 को लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा पहले कमांडर इन चीफ बने थे.

वायुसेना के इतिहास में आज एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. वायुसेना का झंडा बदला जाएगा. वायु सेना के झंडा का बदलाव 72 वर्ष बाद किया जा रहा है वहीं  वायु सेना चीफ एयर मार्शल वीआर चौधरी परेड के समय झंडा बदलने के साथ वायु सेना के योद्धाओं को शपथ भी दिलाएंगे. स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद साल 1951 में वायु सेना का ध्वज बना था. अभी वायु सेना का झंडा नीले कलर का है.जिसके ऊपर बाएं कोने पर तिरंगा है, जबकि दाहिने कोने पर नीचे वायु सेना का गोल निशान है.

वायु सेना के झंडे को उतारने के बाद मध्य वायु कमान के संग्रहालय में उसे रखा जाएगा. वायु सेना के नये झंडे में सबसे उपर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक की लाट पर सिंह अंकित है और उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते लिखा हुआ है. सिंह के नीचे हिमालयी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के युद्ध के प्रतिक को दर्शाता है. हल्के नीले रंग को गोलकार में  हिमालयी ईगल को घेरे हुए है, जिस पर लिखा है भारतीय वायु सेना. भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य 'नभ: स्पृशं दीप्तम्' हिमालयी ईगल के नीचे देवनागरी में लिखा हुआ है.

 बहरहाल भारतीय वायुसेना दिवस पर वायु सेना का झंडा बदलने के साथ हीं एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत होगी.

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