N4N DESK : किसी कंपनी के काम करनेवाले लोगों को प्रबन्धन की तरफ से बोनस या प्रोत्साहन राशि मिलना आम बात हैं। जिसके तहत कर्मचारियों को कुछ धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन देश में एक ऐसा कारोबारी भी है। जिसने कर्मियों के अपना 38 फीसदी शेयर गिफ्ट के तौर पर दे चुका है। कारोबारी हैं आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन, जो 54 साल के हैं। वह कई सालों से ऐसा कर रहे हैं। अब तक वह अपनी कुल वेल्थ का करीब 38 फीसदी शेयर लोगों में गिफ्ट कर चुके हैं।
बता दे की वैद्यनाथन ने 2018 में अपनी फाइनेंस कंपनी कैपिटल फर्स्ट को आईडीएफसी बैंक के साथ मर्ज किया था। इस कारण से आईडीएफसी फर्स्ट बैंक बना और वैद्यनाथन के पास बहुत सारे शेयर एक साथ आ गए। जब वह कैपिटल फर्स्ट ही चला रहे थे, तभी से वह शेयर गिफ्ट में दिया करते थे। मर्जर से पहले ही उन्होंने 40 करोड़ शेयर एक सोशल ट्रस्ट को गिफ्ट किए थे और करीब 20 करोड़ शेयर अपने कर्मचारियों को दिए थे। मर्जर के बाद भी उन्होंने शेयर गिफ्ट करते रहे।
बता दे की ऐसा नहीं है कि वी वैद्यनाथन सिर्फ ट्रस्ट को या अपने कर्मचारियों को ही शेयर बांटते हैं, वह अपने रिश्तेदारों, निजी स्टाफ, ड्राइवर, घर के काम करने वालों, ट्रेनर आदि सबको शेयर देते हैं। वह अब तक करीब 68 करोड़ शेयर बांट चुके हैं। कोरोना काल में उनके शेयर गिफ्ट करने का एक किस्सा खूब वायरल हुआ था। केंद्रीय विद्यालय के उनके एक टीचर ने उन्हें एक इंटरव्यू में जाने के लिए 500 रुपये गिफ्ट कर दिए थे। वैद्यनाथन ने अपने उस टीचर को करीब 30 लाख रुपये के शेयर गिफ्ट में दे दिए।
वैद्यनाथन से पूछा गया कि आखिर वह प्रमोटर होने के बावजूद अपने इतने सारे शेयर दान में क्यों देते हैं तो उन्होंने इसकी एक बेहद ही दिलचस्प और शानदार वजह बताई। वैद्यनाथ कहते हैं कि उनकी सैलरी से उनके अपने सारे खर्चे अच्छी तरह से पुरे हो जाते हैं। ऐसे में वह दूसरों की मदद सिर्फ शेयर के जरिए ही कर सकते हैं। वह मानते हैं कि पैसों का इस्तेमाल होते रहना चाहिए, ना कि डीमैट अकाउंट में खाली पड़े रहना चाहिए। इस बारे में जब उनके निजी लोगों और परिवार से पूछा गया तो पता चला की वह शेयर दान करके देश में एक बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं।
प्रेरणा शर्मा की रिपोर्ट