अपनी शादी से एक दिन पहले भागी युवती ने प्रेमी संग की शादी, गुस्साए भाई ने गांव में निकाली शव यात्रा

PURNIA : खबर पूर्णिया जिले  से जुड़ी है। जहां एक युवती अपनी शादी के एक दिन पहले घर से भाग गई और उसी दिन प्रेमी के संग शादी कर ली। वहीं बहन के इस कृत्य से नाराज भाई ने उसके भाई ने  कुश की अर्थी बनाई और पूरे गांव में घुमाया। फिर उसका दाह संस्कार कर दिया। कहा - बहन ने जो किया, उससे समाज में मेरी प्रतिष्ठा धूमिल हुई। वो हमारे लिए मर चुकी है, इसलिए मैंने उसकी शव यात्रा निकाली।

उसकी मर्जी से तय की थी शादी

नाराज भाई बिहारी गुप्ता का कहना है कि पिता की मौत के बाद अपनी दोनों बहनों को कभी पापा की कमी खलने नहीं दी। एक बहन की शादी हो गई थी। दूसरी की शादी भी उसकी रजामंदी के बाद ही तय की गई। सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी। मेंहदी और हल्दी की रस्म पूरी गई थी। 11 जून को बारात आने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही वह भाग गई और प्रेमी संग शादी कर ली।

पहले नहीं बताया था कभी

भाई का कहना कि बहन अगर किसी लड़के को पसंद करती थी, तो उसे शादी तय होने से पहले ही बताना चाहिए था। शादी में इतने रुपए खर्च हो गए। 11 को शादी होनी थी। इससे एक दिन पहले हल्दी के कार्यक्रम में वह भाग गई। इससे न सिर्फ पैसे बर्बाद हुए, बल्कि सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई। लड़के वालों से उन्हें कई बात सुननी पड़ी।

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शादी कर लौटी थाने घर

बिहारी गुप्ता ने अपने गांव टीकापट्टी के ही अरुण मंडल के बेटे सुधांशु कुमार पर बहन के अपहरण का मामला दर्ज करवाया। एफआईआर होते ही टीकापट्टी पुलिस हरकत में आई। इधर, सोमवार को लड़की दुल्हन के जोड़े में टीकापट्टी थाने में पहुंची।

लड़के पर किए गए किडनैपिंग के केस को फर्जी बताते हुए कहा कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है। स्वीटी ने पुलिस को बताया है कि उसे ये शादी मंजूर नहीं थी। इसलिए उसे मजबूरन भागना पड़ा, जिस दिन उसकी शादी होनी थी। उसी दिन मंदिर में प्रेमी सुधांशु से शादी कर ली।

बहन की जलाई चिता

बहन के इस फैसले से नाराज भाई ने सोमवार शाम परिजनों के साथ मिलकर पहले अपने बहन की कुश की मूर्ति तैयार की। फिर अर्थी को तीन लोगों के साथ मिलकर कंधे पर लेकर पूरे बाजार में घुमाया। नाराज भाई ने अर्थी में बहन का फोटो भी लगा रखी थी। इतना ही नहीं हिन्दू रीति रिवाज से बहन की अर्थी को लेकर श्मशान तक गया। फिर दाह संस्कार किया।

मेरे लिए बहन मर गई

भाई ने कहा कि जिस तरह से थाने में उसने अपने प्यार के लिए मुझे ही गलत ठहराया। इसके बाद मैंने तय कर लिया आज से मेरी बहन मेरे घर के लिए मर चुकी है। उसे मरा हुआ मान कर सिर्फ अर्थी सजाकर दाह संस्कार तो किया ही, बल्कि अब उसका श्राद्ध कर्म और पिंडदान भी करेंगे।