KATIHAR: बिहार के कटिहार में एक समय था जब अपराधियों की तांडव के कारण किसानों ने अपनी खेती से मुंह मोड़ ली थी। किसान जोकि खेती कर अपने परिवार का पालन-पोसन करते थे। वह अपने ही इस काम को छोड़ दिए। किसानों की मानें तो पहले वह अपने ही खेत में खेती नहीं कर पाते थे। अपराधियों ने उनके खेतों पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया था। अपराधी किसानों से मनचाही रंगदारी लेते थे और उन्हें डरा धमका कर काम नहीं करने देते थे।
दरअसल, कटिहार के मनिहारी बैद्यनाथपुर दियारा इलाका अक्सर अपराधियों के गढ़ रहा है। दियारा की भूमि उर्वरक होने के कारण यहां खेती करने वाले किसानों के लिए यह भूमि अक्सर पसंदीदा रहा है। मगर पिछले कुछ सालों से दियारा के इन इलाकों में अपराधियों के तांडव के कारण किसानों ने मजबूरी में खेत से मुंह मोड़ लिया था या रंगदारी टैक्स देकर खेती कर रहे थे।
वहीं अब प्रशासन की सख्ती के कारण इन किसानों को खेती करने में आसानी हो रही है। किसान बिना किसी डर के पुलिस मुस्तैदी के बीच खेती कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि, पहले अपराधियों के तांडव के कारण वह यहां अपनी फलस नहीं उगा पाते थे। वहीं जब से इस मामले को लेकर प्रशासन सख्त हुई है। वह आसानी से खेती कर रहे हैं।
मालूम हो कि, दियारा में बड़े पैमाने पर तरबूज, परवल, कलाई और मक्का जैसे फसल की खेती होता है। और इसी को लेकर यहां खेती करने वाले किसानों को बतौर रंगदारी टैक्स प्रति एकड़ चार से पांच हज़ार रंगदारी देना पड़ता था, लेकिन इस साल कटिहार पुलिस ने दियारा में अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तरह तत्पर है। जिसको लेकर किसान अब बगैर किसी डर से पुलिस मुस्तैदी के बीच खेती कर रहे हैं।