करोड़ों की जालसाजी कर चुका जालसाज पटना से हुआ गिरफ्तार, कदमकुआं थाना पुलिस की मदद से उत्तराखंड पुलिस ने धर दबोचा

पटना- कदमकुआं थाने के लोहानीपुर कोशीनाथ लेन में छिप कर रह रहे जालसाज गोरेलाल यादव को उत्तराखंड की पुलिस ने कदमकुआं थाने पुलिस के सहयोग से मंगलवार की रात गिरफ्तार कर लिया.इसने पटना से लेकर नेपाल तक अपने नेटवर्क को फैला रखा है.यह सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर ठगी का गोरखधंधा कर रहा था. इसके पास से पुलिस ने दस से अधिक सिम कार्ड, बैंक से संबंधित दस्तावेज व अन्य जाली कागजात को बरामद किया है.
उत्तराखंड में हुए कई जालसाजी के मामले में उत्तराखंड की पुलिस को इसकी तलाश थी.इसी बीच उत्तराखंड के पुलिस को जानकारी मिली कि यह पटना में है.इसके बाद उत्तराखंड पुलिस की छह सदस्यीय टीम दो दिनों से पटना में कैंप कर रही थी.यह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था लेकिन इसे लोहानीपुर काशीनाथ लेन से धर दबोचा गया.
गिरफ्तार गोरे लाल यादव मूल रूप से मुंगेर के सूर्यगढ़ा का रहने वाला है.हालांकि पढ़ाई करने के नाम पर बेगूसराय में रहता था.साथ ही दारोगा भर्ती परीक्षा भी पास कर चुका है.लेकिन इसने नौकरी करने के बजाये जालसाजी का रास्ता चुना.बेगूसराय में ही हत्या के एक केस में जेल भी जा चुका है.
मिली जानकारी के अनुसार जेल में ही इसकी दोस्ती सोनू नमक शातिर साइबर ठग से हुई थी. जहां उसने गोरे लाल यादव को जालसाजी के तरीके की जानकारी दी और नेपाल में सक्रिय लोगों से मुलाकात करायी. जालसाजी का तरीका सीखने के बाद इसने अपना एक ग्रुप बनाया.इसके बाद नेपाल और बिहार के सीमावर्ती इलाके में गरीब लोगों के आधार कार्ड व अन्य कागजात लेकर बैंक में खाता खुलवाने के साथ ही सिम कार्ड लिया. इसके अलावा फर्जी नाम व पता के आधार पर बैंक खाता खुलवाता था और सिम कार्ड ले लेता था. यह फर्जी नाम से सरकारी विभाग के अधिकारी का आइडी भी बना लिया करता।
इसके बाद यह अधिकारी बन कर लोगों से मिलता और उन्हें ठेका दिलाने का झांसा देता.इसके बाद यह ठेका के लिए मिले पैसे को दूसरे के नाम व पते पर खुलवाये गये खाता में डाल कर भंजा लेता था. उस खाता का एटीएम कार्ड इसके पास होता था और उसकी मदद से सारे पैसे भी निकाल लेता था. जिसके कारण इसके नाम की जानकारी किसी को नहीं हो पाती थी. पुलिस जब भी इसे पकड़ने आती तो इसके बारे में उनके पास जानकारी नहीं होती थी. क्योंकि बैंक व सिम कार्ड में दिये गये दस्तावेज दूसरे लोगों के होते थे. जिसके कारण यह पकड़ा नहीं जा रहा था. इसने बिहार, उत्तराखंड व अन्य राज्यों के लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है.कदमकुआं थानाध्यक्ष ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
रिपोर्ट- अनिल कुमार