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कूनो नेशनल पार्क में फिर हुई एक चीते की मौत, अब तक 10 चीतों की जा चुकी है जान, उठने लगे सवाल

कूनो नेशनल पार्क में फिर हुई एक चीते की मौत, अब तक 10 चीतों की जा चुकी है जान, उठने लगे सवाल

DESK. कूनो नेशनल पार्क में एक और चीता शौर्य की मौत हो गई है. इस तरह कूनो नेशनल पार्क में अब तक कुल 10 चीतों की मौत होने से यहां चीता संरक्षण को लेकर किए जा रहे प्रयास पर फिर से सवाल उठने लगे हैं. 16 जनवरी को यहां चीता शौर्य की मौत हो गई. इस तरह यहां मरने वाले चीतों में अब तक 7 व्यस्क और 3 शावक शामिल हो गए हैं.  'शौर्य' की मौत किन कारणों से हुई यह स्पष्ट नहीं है. कुनो नेशनल पार्क के अधिकारियों और निदेशक के बयान के अनुसार ट्रैकिंग टीम को चीता जंगल में बेहोश पाया गया था जिसके बाद से उसका इलाज चल रहा था। लेकिन 16 जनवरी को लगभग 3:17 बजे नामीबियाई चीता 'शौर्य' की मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद मौत का कारण पता चल सकेगा।

कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए थे.पिछले साल 26 मार्च को नामीबिया से आई मादा चीता साशा ने दम तोड़ दिया था. इसके बाद 23 अप्रैल को नर चीता उदय की भी मौत हो गई थी. फिर पिछले ही साल नौ मई को हिंसक झड़प में दक्षा ने भी दम तोड़ दिया था. इसके अलावा मई में ही नामीबिया से आई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया, इनमें से तीन शावकों की मौत हो गई. फिर जुलाई में अफ्रीका से आए चीता तेजस ने भी दम तोड़ दिया. फिर एक चीते की मौत अगस्त में हो गई. वहीं अब इस साल की शुरुआत में ही चीता शौर्य ने भी दम तोड़ दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में पहली बार कूनो में चीतों को छोड़ा था. तब से अब तक लगातार चीतों की मौत होने की खबरें अक्सर आती रहती है. इससे एक बड़ा सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि क्या जो चीते अफ्रीका से लाये गए वे भारतीय जलवायु के अनुरूप नहीं हैं. या फिर इन चीतों के देखरेख में कोई कमी रह रही है. पर्यावरणविद अपने इन सवालों को लेकर लगातार कूनो प्रशासन पर आक्रामक हैं. 

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