भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ने DCLR को दिए सख्त निर्देश, कहा- अंचलों की जमाबंदी पंजी का ठीक से करें अवलोकन, वरना...

PATNA: सभी भूमि सुधार उपसमाहर्ता अपने अधीन अंचलों की जमाबंदी पंजी को अपने पास मंगाकर ठीक से अवलोकन कर लें और उसमें खाली पन्नों को क्रॉस कर दें ताकि उन खाली पन्नों में राजस्व कर्मचारी द्वारा किसी नई जमाबंदी का सृजन नहीं किया जा सके। अंचलों में संधारित जमाबंदी पंजियों में पंजी के शुरू और मध्य में खाली पन्ने मिलने की शिकायत मिली थी। वहीं बाद में गलत तरीके से नई जमाबंदी सृजित होने की आशंका है जिसके मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। इससे संबंधित निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव ब्रजेष मेहरोत्रा सोमवार को भूमि सुधार उप समाहर्ताओं की मासिक बैठक में दिया है।

दरअसल, अपर मुख्य सचिव ने आज की बैठक में 10 लाख वैसी जमाबंदियों की ठीक से जांच करने का निर्देश सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया जिसके बारे में विभाग को संदेह है कि इन्हें ऑनलाइन म्युटेषन शुरू होने के बाद गलत तरीके से पंजी- 2 पर चढ़ाकर ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार उप समाहर्ता गलत या संदेहास्पद जमाबंदियों के कायम होने का आधार की मांग संबंधित अंचलों से करें और गलत पाए जाने पर उन्हें निरस्त करने की अनुशंसा के साथ अपर समाहर्ता के पास अभिलेख भेज दें। अपर मुख्य सचिव ने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को यह भी कहा कि तय समय के बाद अंचलों में लंबित दाखिल-खारिज के मामलों की अलग से समीक्षा कर लें और उसके लिए जिम्मेदार कर्मी की पहचान कर उचित कार्रवाई करें। 

बीएलडीआर एक्ट के अधीन मामलों की समीक्षा में पाया गया कि 6 अनुमंडलों में वहां के भूमि सुधार उप समाहर्ताओं ने पिछले 2 महीने में एक भी मामले का निष्पादन नहीं किया है। इन अनुमंडलों के नाम हैं मधेपुरा, उदाकिषुनगंज, झंझारपुर, मधुबनी, सोनपुर और बेलसंड। इसी तरह 3 अनुमंडलों किषनगंज, मुजफ्फरपुर पूर्वी और मढौरा में मात्र 1-1 मामले का निष्पादन पिछले 2 माह में किया गया है। कारण पूछने पर कई भूमि सुधार उप समाहर्ताओं ने शिकायत की कि उनके अनुमंडलों में ऑनलाइन आवेदन नहीं आने की वजह से उनके द्वारा उसका निष्पादन नहीं किया जा रहा है। इसपर संबंधित जिलों के अपर समाहर्ताओं को इस बात का पता लगाने का निर्देश दिया गया कि आवेदन नहीं आने की वजह क्या है। 

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इसी तरह भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा किए जा रहे कोर्ट की समीक्षा में पाया गया कि पिछले 2 माह में सीतामढ़ी के बेलसंड और मधुबनी के झंझारपुर में मात्र एक दिन ही कोर्ट किया गया है। उसी तरह कटिहार के मनिहारी और मधेपुरा सदर के भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा पिछले 2 माह में मात्र 2 दिन ही कोर्ट किया गया, जबकि सप्ताह में कम से कम 2 दिन कोर्ट करने का निर्देश उन्हें विभाग स्तर से प्राप्त है। यह भी जानकारी मिली कि कुछ अनुमंडलों के भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा बीएलडीआर एक्ट के तहत मामलों की सुनवाई ऑफलाइन की जा रही है जबकि इस एक्ट के तहत मामलों की सुनवाई सिर्फ ऑनलाइन ही की जानी है। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि इस एक्ट के तहत सबसे खराब परफॉर्मेंस देनेवाले 3 भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को कारण बताओ नोटिस दिया जाए और जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि फील्ड वेरीफिकेशन में ऑफलाइन सुनवाई करनेवाले अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। 

 बीएलडीआर एक्ट के तहत भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को रैयती जमीन से संबंधित मामलों को सुनने और उसपर निर्णय देने का अधिकार है। लेकिन पारदर्षिता बनाए रखने के लिए इन मामलों की सुनवाई सिर्फ ऑनलाइन ही की जानी है। पहले रैयती जमीन से संबंधित मामलों को सुनने का अधिकार सिर्फ सिविल कोर्ट को ही था। बैठक का आयोजन शास्त्रीनगर स्थित सर्वे भवन में किया गया था। बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव सह निर्देशक भू अभिलेख और परिमाप जय सिंह समेत उत्तर बिहार के सभी अनुमंडलों के भूमि सुधार उप समाहर्ता उपस्थित थे।