बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

रफ्तार के कहर पर ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन सख्त,सड़क हादसों में खून से लाल होते रोड के बीच बिहार के जमुई जिले से चौकाने वाली खबर...

रफ्तार के कहर पर ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन सख्त,सड़क हादसों में खून से लाल होते रोड के बीच बिहार के जमुई जिले से चौकाने वाली खबर...

जमुई: अगर पूरे भारत में सड़क दुर्घटना में मौतों के आंकड़े को देखे तो आपको आश्चर्य होगा. साल 2022 में सड़क दुर्घटना से जुड़े आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि देश में लगभग 1,68,491 लोगो को अपनी जान गंवानी पड़ी. हालांकि भारत सरकार के सड़क सुरक्षा सप्ताह जैसे कार्यों के बाद सड़क दुर्घटना में कमी दर्ज की गई है. इसके बावजूद अभी भी देश में हर घंटे सड़क दुर्घटना में 19 मौतें होती है. अगर आंकड़ों की माने तो सबसे ज्यादा मौतें दो पहिए वाहन चालकों की हुई है. 

वही अगर बिहार की बात करे तो सड़क दुर्घटना के मामले में बिहार पूरे देश में दूसरे नंबर पर है. लेकिन बिहार के जमुई से एक चौंकाने वाले आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि अगर विभाग के अंदर जज्बा हो कुछ कर दिखाने की तो कुछ भी मुमकिन है. बिहार का एक जिला जमुई, जहां साल 2022 का आंकड़ा देखे तो कुल सड़क दुर्घटना की संख्या 191 है जिसमे 171 लोगो की मौत हो गई है. इसी माह बीते 1 नवंबर को बिहार के 28 जिलों में एक साथ ट्रैफिक थानों की स्थापना की गई है. इसी कड़ी में  जमुई जिले को भी ट्रैफिक थाना की सौगात मिली है. हालाकि जमुई पुलिस द्वारा रोड ऐक्सिडेंट में कमी लाने को लेकर कई तरीके अपनाए जा चुके है. जिसमे जमुई के चकाई से गिरिडीह का इलाका सबसे महत्वपूर्ण है.

 आपको बता दें 2023 के सितंबर महीने में जमुई पुलिस के द्वारा चकाई के सरौन इलाके में कई जगह साइन बोर्ड लगाया गया है और मुख्य सड़क को जोड़ने वाली कई ग्रामीण सड़कों पर ब्रेकर और बैरियर लगाया गया है. अगर सिर्फ जमुई जिले के आंकड़ों पर नजर डाले तो जमुई पुलिस द्वारा किए गए कार्यों के बाद पिछले छह माह के आंकड़ों को देखा जाए तो सड़क दुर्घटना में भारी कमी आई है साथ ही सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों के आंकड़ों में भी कमी देखी गई है. . पुलिस और जिला प्रशासन संवेदनशील होकर संजीदगी से इसपर काम करे तो बिहार के हर जिले में सड़क दुर्घटना में भारी कमी लाई जा सकती है.

 बहरहाल जमुई एसपी डॉक्टर शौर्य सुमन ने बताया की जमुई पुलिस द्वारा एक छोटी पहल की गई थी जिसके नतीजे चौंकाने वाले है. यातायात थाने की स्थापना होने के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर जमुई पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा . साथ ही जमुई जिले के अन्य क्षेत्रों में भी दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को चिह्नित कर वहा भी सड़क सुरक्षा को लेकर ब्रेकर, बैरियर, और साइन बोर्ड लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी. फिलहाल सिर्फ पिछले साल के अक्टूबर महीने और 2023 अक्टूबर महीने के आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले साल अक्टूबर महीने में जमुई जिले में 13 मौतें हुई थी जो इस साल घटकर मात्र 9 हो गई है. इससे यह जाहिर होता है की सड़क सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस एक साथ मिलकर काम करे तो पूरे बिहार में सड़क दुर्घटनाओं के कारण खून से लाल होती सड़कों में भारी कमी आयेगी. अब देखना लाज़िमी होगा की ट्रैफिक थानों की स्थापना के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर जिला पुलिस और जिला प्रशासन क्या ठोस कदम उठाती है. साथ ही पब्लिक भी ट्रैफिक नियमों का कितना पालन करते हुए हादसों में कमी आए इस ओर कदम बढ़ाती है.

Suggested News