AJMER : देश में ऐसे समय में जब दुष्कर्म जैसी घटनाओं को लेकर आंदोलन हो रहे हैं। वहीं 1992 में दिल दहलानेवाली अजमेर रेप कांड में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 100 लड़कियों से दुष्कर्म की घटना को अंजाम देनेवाले छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उन पर 5-5 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
जिला अदालत ने जिन आरोपियों को सजा सुनाई है। उनमें नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहिल गणी, सैयद जमीर हुसैन शामिल हैं। सजा सुनाते वक्त 6 आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। एक आरोपी इकबाल भाटी को एम्बुलेंस से दिल्ली से अजमेर लाया गया था।
बाकी आरोपी पहले से ही कोर्ट में थे। इन 6 आरोपियों पर 23 जून 2001 को चार्जशीट पेश हुई थी। इसी साल जुलाई में सुनवाई पूरी हुई थी।
क्या है मामला
दरअसल, अजमेर के एक गैंग ने 1992 में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली करीब 250 लड़कियों की नग्न तस्वीरें हासिल की। फिर उन्हें लीक करने की धमकी देकर 100 से अधिक छात्राओं के साथ गैंगरेप किया। गैंग के लोग स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को फार्महाउस पर बुलाते थे। उनके साथ गैंगरेप करते थे। कई स्कूल तो अजमेर के जाने-माने प्राइवेट स्कूल थे। एक अखबार ने जब इसका खुलासा किया तो मामला सामने आया। इन बच्चियों की उम्र उस समय 11 से 20 साल की हुआ करती थी। फिलहाल मामले में 4 आरोपी पूर्व में सजा काट चुके हैं। फैसले को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता कोर्ट के बाहर मौजूद है।
पहली चार्जशीट में 12 आरोपियों के थे नाम
बता दें कि मामले में 18 आरोपी थे। 4 सजा भुगत चुके हैं। 4 को हाईकोर्ट दोष मुक्त कर चुका है। एक ने 30 साल पहले केस के दौरान ही सुसाइड कर लिया था। दो आरोपियों पर लड़के से कुकर्म का केस चला, इसमें एक सजा भुगत चुका है और एक पर केस चल रहा है। एक आरोपी फरार है और 6 पर फैसला आज आया है।