बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

आखिर कौन हैं 39 साल के अन्नामलाई? जिसके लिए पीएम मोदी ने NDA में टूट भी कबूल कर ली, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले खूब हो रही चर्चा!

आखिर कौन हैं 39 साल के अन्नामलाई? जिसके लिए पीएम मोदी ने NDA में टूट भी कबूल कर ली, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले खूब हो रही चर्चा!

DESK : इस वक्त तमिलनाडु की राजनीति में एक नाम की खूब चर्चा है वह है के. अन्नामलाई.. आखिर यह के. अन्नामलाई है कौन? और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले यह नाम चर्चा में क्यों है? क्यों के. अन्नामलाई को लोग फ्यूचर का पीएम बताने लगे हैं? 39 साल के इस के. अन्यामलाई में ऐसा क्या है जिसके लिए पीएम मोदी ने एनडीए में टूट भी कबूल कर ली.. आखिर क्यों अन्नामलाई को तमिलनाडु बीजेपी का ट्रंप कार्ड बताया जा रहा है... अन्नामलाई कौन है पीएम मोदी को अन्नामलाई क्यों इतना पसंद है मोदी और शाह अन्नामलाई पर क्यों इतना भरोसा करते हैं.. हम सब कुछ आपको विस्तार से इस रिपोर्ट में बताएंगे..

तमिलनाडु की सियासत में पिछले 2-3 सालों से जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में रहा है, वह है अन्नामलाई कुप्पुस्वामी का। 39 साल के इस युवा नेता और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष को हम के. अन्नामलाई के नाम से जानते हैं। पिछले कुछ महीनों में अन्नामलाई ने तमिलनाडु की सियासत में जो चर्चा बटोरी है, वह शायद ही किसी और सियासी लीडर ने बटोरी होगी। एक ऐसे सूबे में जहां  2019 के लोकसभा चुनावों में BJP को महज 3.66 फीसदी वोट मिले थे, आज वहां पार्टी दूसरे नंबर की दावेदारी पर दावा ठोक रही है। बीजेपी ने तमिलनाडु में हाल-फिलहाल जो हलचल मचाई है उसके पीछे यह पूर्व IPS अफसर ही है। आइए, जानते हैं कि कैसे अन्नामलाई आगामी लोकसभा चुनावों में तमिलनाडु में बीजेपी के सबसे बड़े ट्रम्प कार्ड क्यों साबित हो सकते हैं?..

अन्नामलाई एक कट्टर सनातनी हैं। आरएसएस के विचारधारा से वह बेहद प्रभावित हैं। यही वजह है कि हिंदू देवी-देवता पर स्टालिन द्वारा दिए गए बयान को आधार बनाकर अन्नामलाई ने तमिलनाडु में भूचाल ला दिया..अन्नामलाई ने कोयम्बटूर जिलों में शिक्षा-दीक्षा पाई थी.उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद लखनऊ आईआईएम से एमबीए किया। बाद में उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा दी और IPS चुने गए। तमिल, अंग्रेजी, कन्नड़ और हिंदी का अच्छा-खासा ज्ञान रखने वाले अन्नामलाई की गिनती तेज-तर्रार पुलिस अफसरों में होती थी। यहां तक कि जिन इलाकों में बतौर पुलिस अफसर उनकी तैनाती होती थी, वहां के लोग भी उन्हें काफी पसंद करते थे.. 

तबादले के विरोध में हुआ पुलिस मुख्यालय में प्रदर्शन

अन्नामलाई को और बेहतर तरीके से जानने के लिए चलिए आपको 26 जुलाई 2016 में लेकर चलते है..जब अन्नामलाई आईपीएस अफसर थे..कर्नाटक के उडुपी ज़िले के पुलिस मुख्यालय के बाहर आम लोग प्रदर्शन कर रहे थे. खूब भीड़ थी. पुलिस मुख्यालय के बाहर पुलिस के विरोध में प्रदर्शन तो आम बात है, लेकिन लोगों का ये प्रदर्शन वहां के SP अन्नामलाई कुप्पुसामी के समर्थन और उनके तबादले के विरोध में था. लेकिन अगर ऐसा एक बार हुआ होता तो कोई बड़ी बात नहीं होती. लेकिन दोबारा 16 अक्टूबर 2018 को कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के पुलिस मुख्यालय के बाहर भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ. इस बार भी इसी एसपी के समर्थन में और इनके तबादले के विरोध में. लोगों का कहना था कि ऐसा ईमानदार अफसर मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

हमने शुरुआत में आपको अन्नामलाई के उड्डपी वाला किस्सा सुनाया. उनके ऐसे ही कई किस्से कर्नाटक और तमिलनाडु में फेमस हैं. एक किस्सा और सुनाते हैं. बात कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले की है. साल 2017 में अन्नामलाई यहां के एसपी थे. इसी साल दिसंबर में यहां सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया. एक विवादित धार्मिक स्थल में दूसरे समुदाय के कई हज़ार लोगों ने जबरन घुसने की कोशिश की. उस वक़्त शायद बहुत बड़ा बवाल हो जाता अगर अन्नामलाई न होते. 

वो खुद दंगा रोकने के लिए कई दिनों तक गली-गली घूमे. पीस कमेटी का गठन किया और लगातार घर-घर जाकर दोनों समुदायों के लोगों से बातचीत की.इस मेहनत का नतीजा ये निकला कि चंद दिनों में शहर की गलियों में फिर से अमन चैन कायम हो गया. और ये सब हुआ एसपी अन्नामलाई के व्यक्तिगत प्रयासों के चलते. 

कुरान को भी पढ़ा

बताते हैं कि जब उनकी पोस्टिंग उडुपी जिले में थी, तब ही उन्होंने क़ुरान का अध्ययन भी कर लिया था. इस्लाम की ये नॉलेज चिकमंगलूर में उनके बहुत काम आई. इससे उन्हें दंगा रोकने और मुस्लिम समुदाय के लोगों का विश्वास जीतने में काफी मदद मिली.

Suggested News