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तीसरी बार पीएम का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर रूस जाएंगे नरेंद्र मोदी, पुतिन के साथ ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर कर सकते हैं हस्ताक्षर ,मुलाकात पर अमेरिका की गहरी नजर

तीसरी बार पीएम का कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर रूस जाएंगे नरेंद्र मोदी,  पुतिन के साथ  ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर कर सकते हैं हस्ताक्षर ,मुलाकात पर अमेरिका की गहरी नजर

दिल्ली- प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी जुलाई में  रूस की यात्रा पर जाने वाले हैं. पीएम मोदी इंडिया-रशिया एनुअल समिट के लिए मास्को जाने वाले हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे और एनुअल भारत-रूस समिट वार्ता भी करेंगे. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को एक दिवसीय मॉस्को यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक ‘विजन डॉक्यूमेंट’ पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, जो आने वाले दशकों में भारत और रूस के लिए एक रोडमैप पेश करेगा।

मोदी की मॉस्को यात्रा पर अमेरिका की गहरी नजर होगी, जिसके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन एक पखवाड़े से भी कम समय पहले बातचीत के लिए दिल्ली में थे, ताकि यह संकेत मिल सके कि भारत का झुकाव रूस की ओर कितना है। लेकिन अमेरिकी भी जमीनी हकीकत को समझते हैं, जो यह है कि यूक्रेन पर रूसी हमले और उसके बाद पश्चिम द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने भारत को स्थिति का फायदा उठाने में सक्षम बनाया है।

पिछले दो वर्षों में भारत ने रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदा है। इतना कि रूस ने भारत को सबसे ज्यादा तेल बेचने वाले सऊदी अरब की जगह ले ली है। भारत ने सस्ते रूसी तेल को घरेलू रिफाइनरियों में परिष्कृत कर यूरोप भेजकर मुनाफा भी कमाया है।

यूक्रेन जंग में रूस को अलग-थलग करने में पश्चिमी ताकतें लग चुकी हैं. मगर रूस का सदाबहार दोस्त उसकी मुश्किल घड़ी में भी उसके साथ खड़ा है. नाम है भारत. जी हां, जब यूक्रेन जंग में रूस पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंधों की बौछार की, तब भी भारत ने दोस्ती निभाई. जब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रूस पर नकेल कसने की तैयारी हो रही थी, तब भी भारत ने रूस का साथ दिया. अब जब यूक्रेन-रूस के बीच जंग के बाद अधिकतर देश पुतिन से कन्नी काट रहे हैं, ऐसे में एक बार फिर भारत ने दिखाया है कि दोस्त हम तुम्हारे साथ हैं. जी हां, तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले नरेंद्र मोदी अपने दोस्त पुतिन से मिलने मॉस्को जा रहे हैं. 

पीएम मोदी की मोदी की यात्रा पर रुसी राजनयिक ने कहा कि ‘विजन डॉक्यूमेंट’ सिर्फ हथियारों या सस्ते रूसी तेल की निरंतर खरीद के बारे में नहीं है, बल्कि इससे भी ज्यादा कुछ है। उन्होंने कहा, ‘यह इस बारे में है कि दोनों देश औद्योगिक और वैज्ञानिक मोर्चे पर एक-दूसरे की मदद कैसे कर  सकते हैं.’

पांचवीं बार राष्ट्रपति बनने के बाद पुतिन चीन के दौरे पर गए थे. मोदी उसी पतंग की डोर को काटने की कोशिश में लगे हैं. मोदी और पुतिन की होने वाली मुलाकात चीन को अखरेगा. 


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