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75 वीं शादी की सालगिरह साथ मनाने के बाद एक साथ पति पत्नी ने तोड़ा दम,एक ही चिता पर पूरी हुई जीने और मरने की कसम,लोग कह रहे दोनो के अटूट प्रेम की कहानी

75 वीं शादी की सालगिरह साथ मनाने के बाद एक साथ पति पत्नी ने तोड़ा दम,एक ही चिता पर पूरी हुई जीने और मरने की कसम,लोग कह रहे दोनो के अटूट प्रेम की कहानी

जोधपुर-हम ऐसे करेंगे प्यार कि दुनिया याद करे, हम जिए मरेंगे साथ कि दुनिया याद करे...कहते हैं पति और पत्नी का रिश्ता स्वर्ग में तय होता है और भारत में इस रिश्ते को ताउम्र निभाया जाता है. राजस्थान के जोधपुर शहर में एक दंपति की एक दिन ही हुई मौत ने इसे कसम और गीत के बजाय हकीकत में ही बदल दिया. पति और पत्नी में प्रेम इतना था कि जीते जी तो निभाया ही मरकर भी अपने प्यार को एक नया मुकाम दिया, जिसे लोग याद कर रहे हैं.

पति ने अस्पताल में जब आखिरी सांस ली तो पत्नी को लगा कि उसकी दुनिया यहीं खत्म हो गई. अभी पति को शरीर त्यागे पांच मिनट भी नहीं हुआ था कि पत्नी ने भी इहलौकिक संसार को अलविदा कह पति के धाम चल पड़ी. दोनों 90 वर्ष से उपर के थे और दो सप्ताह पहले हीं 75वीं मैरिज एनिवर्सरी मनाई थी.  दम्पत्ति जोधपुर के त्रिपोलिया बाजार इलाके में रहते थे. पति-पत्नी के प्यार और साथ जीने मरने की इस घटना का जिक्र आज हर किसी की जुबां पर है.

94 साल के लक्ष्मण सिंह भाटी को शुक्रवार शाम को सांस की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, शनिवार की सुबह उन्होंने शरीर छोड़ दिया.जिंदगी के सफर में पति के अचानक यूं साथ छोड़ जाने की जानकारी पत्नी 91 साल की शांति देवी  को जैसे हीं दी गई उसके  कुछ पल बाद ही उन्होनें भी दम तोड़ दिया. दोनो का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.

लक्ष्मण सिंह भाटी और शाति देवी ने  दो सप्ताह पहले ही शादी की  75वीं वर्षगांठ मनाई ती. शांति देवी करीब डेढ़ साल से बीमार होने के कारण बैड रेस्ट पर थीं. परिवार के साथ पति लक्ष्मण सिंह भी पत्नी का काफी ख्याल रखते थे.

लक्ष्मण सिंह भाटी रेलवे से रिटायर हुए थे. वे साल 1990 में रिटायर होने के बाद परिवार की देखभाल कर रहे थे. उनके पांच बेटे और एक बेटी है.

पति पत्‍नी में काफी प्यार था और इसकी वजह से पति लक्ष्मण सिंह की मौत की खबर पत्‍नी शांति देवी बर्दाशत नहीं कर पाईं , उन्होंने भी संसार को विदा कह पति के साथ चल पड़ी. 75 साल साथ रहने के बाद उन्होंने एक साथ इस दुनिया को विदा कह अनंत की यात्र पर निकल गए.  पति के साथ हीं पत्नी की  चिता भी सजाई गई.लोगों ने नम आंखों से विदाई दी. 


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