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आईएएस की नौकरी गंवाने के बाद यूपीएससी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची पूजा खेडेकर, कहा - नहीं मिला सिलेक्शन कैंसिल होने का ऑर्डर

आईएएस की नौकरी गंवाने के बाद यूपीएससी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची पूजा खेडेकर, कहा - नहीं मिला सिलेक्शन कैंसिल होने का ऑर्डर

NEW DELHI : यूपीएससी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के कारण आईएएस की नौकरी के लिए अयोग्य ठहराने जाने के बाद पूजा खेडेकर ने अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पूजा ने अपने सिलेक्शन को रद्द किए जाने के यूपीएससी के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केस किया है। जिस पर आज सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की तरफ से वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि सिलेक्शन कैंसिल होने की ऑर्डर कॉपी अभी तक पूजा को नहीं दी गई है। 

पूजा की वकील ने कहा कि सिर्फ एक प्रेस रिलीज देकर उम्मीदवारी रद्द करने की सूचना दी गई है। इस प्रेस रिलीज को रद्द करना चाहिए और ऑर्डर कॉपी देनी चाहिए। बिना ऑर्डर के हम ट्रिब्यूनल में UPSC के आदेश को चुनौती नहीं दे सकते हैं।

नहीं था एड्रैस

इस पर UPSC की तरफ से वकील नरेश कौशिक ने कहा- पूजा खेडकर के ऑफिशियल एड्रेस की जानकारी नहीं थी। इसलिए प्रेस रिलीज जारी कर औपचारिक सूचना दी गई थी। हम 2 दिनों के अंदर पूजा की उम्मीदवारी रद्द होने की ऑर्डर कॉपी सौंप देंगे। यह कॉपी उनके पूर्व एड्रेस और उनकी ई-मेल आईडी पर भेजी जाएगी।

इसके बाद मामले पर सुनवाई कर रही जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि पूजा खेडकर UPSC के फैसले को उचित फोरम पर चुनौती दे सकती हैं।

14 साल के डेटा में सिर्फ पूजा के मामले में मिली गड़बड़ी

बता दें कि यूपीएससी ने  खेडकर के केस के चलते UPSC ने 2009 से 2023 तक 15,000 से अधिक रिकमेंड किए गए उम्मीदवारों के डेटा की जांच की। इसमें पाया गया कि उनके अलावा किसी अन्य उम्मीदवार ने CSE नियमों के तहत तय अटेम्प्ट से ज्यादा अटेम्प्ट नहीं दिए थे। मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर का मामला एकमात्र था। 

उन्होंने कई बार न केवल अपना नाम बल्कि अपने माता-पिता का नाम भी बदलकर परीक्षा दी थी, इसलिए UPSC की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) उनके अटेम्प्ट्स की संख्या का पता नहीं लगा सकी। UPSC अपनी SOP को और मजबूत करने की प्रक्रिया में है ताकि भविष्य में ऐसे मामले दोबारा न हों।

UPSC ने बताया- पूजा को 2 बार समय दिया, लेकिन जवाब नहीं दिया

UPSC ने 31 जुलाई को बयान जारी कर बताया कि पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के लिए 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। इसमें कहा गया है कि पूजा को 25 जुलाई तक अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपने जवाब के लिए जरूरी दस्तावेज जुटाने के लिए 4 अगस्त तक का समय मांगा। आयोग ने कहा, उन्हें फिर 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक समय दिया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।


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