मौत के बाद बाइक पर लाद कर शव को ले गए परिजन, अस्पताल में खड़ा रहा एंबुलेंस

बेगूसराय... अभी हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक सीएम नीतीश कुमार ने की थी। इसमें जिलों के अस्पतालों को बेहतर बनाने के लिए कई निर्देश भी दिए गए, लेकिन अस्पतालाें की सूरत में कोई बदलाव नहीं दिखता है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। लोगों की सुविधा देने के लिए जिस एंबुलेंस पर सरकार लाखों रुपए खर्च करती है, वही एंबुलेंस समय पर लोगों को नसीब नहीं होता है। इसका ताजा उदाहरण बिहार के उस अस्पताल में देखने को मिला, जिसे हाल ही में प्रथम स्थान देकर बड़ी पुरस्कार राशि दी गई है।
जी हां हम बात कर रहे हैं बेगूसराय के सदर अस्पताल की, जिसे बेहतर सुविधाओं के लिए प्रथम स्थान दिया गया है, लेकिन इसी अस्पताल में मनावता को शर्मसार करने वाली एक घटना भीसामने आई है। मामला है एक शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं मिला। मजबूर होकर परिजनों को शव बाइक पर ले जाना पड़ा है। यह बेगूसराय के सदर अस्पताल में कोई पहली बार नहीं हुआ, जब किसी परिजन को किसी अपने का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस न मिला हो। यहां कई बार लोगों को बाइक पर तो कभी टेंपू में शव ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि दिन भर कई एंबुलेंस अस्पताल में खड़ा मिलता है।
ताजा मामला में जब नगर क्षेत्र के हर्रख निवासी एक महिला की सदर अस्पताल में मौत हो गई। परिजन शव घर ले जाने के लिए सदर अस्पताल के पदाधिकारियों से एंबुलेंस की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। पहले तो बाइक से शव को ले जाने के लिए विवश हुए फिर थोड़ी दूर जाने के बाद कठिनाई हुई तो फिर ई-रिक्शा से शव परिजनों के द्वारा ले जाया गया। वहीं ई-रिक्शा से शव ले जाते देख लोगों में अस्पताल प्रबंधन के प्रति काफी गुस्सा है, लेकिन इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
इस संबंध में हर्रख वार्ड नंबर-11 निवासी मृतिका प्रीति देवी को लेकर अस्पताल आए राजकुमार ने बताया कि घर में बैठी प्रीति देवी अचानक गिर गई। हम लोग बाइक से लेकर सदर अस्पताल आए, जहां मौत हो गई। मौत के बाद शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की गुहार लगाई तो कहा गया कि एंबुलेंस खराब है। जबकि आधे दर्जन से अधिक एंबुलेंस सदर अस्पताल में खड़ा रहा। अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस देने से इंकार कर दिया। जिसके बाद बाइक पर शव ले जाने लगा बाइक पर शव को ले जाने में दिक्कत होने पर ई-रिक्शा से लेकर घर जा रहे हैं।
इस घटना के बाद एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है। जहां सदर अस्पताल की ओर से एंबुलेंस नहीं देने के कारण परिजनों द्वारा अपनी बाइक से शव ले जाने के के बाद सदर अस्पताल प्रबंधक सवालों के घेरे में आ रहे हैं।