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लॉकडाउन खुलने के बाद बेरोजागरी के आंकड़े में हो रहा सुधार, फिर भी इस राज्य में हर तीसरे व्यक्ति के पास नहीं है कोई काम

लॉकडाउन खुलने के बाद बेरोजागरी के आंकड़े में हो रहा सुधार, फिर भी इस राज्य में हर तीसरे व्यक्ति के पास नहीं है कोई काम

Desk :  कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन खुलने के बाद से राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी के आंकड़ों  सुधार हो रहा है। अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी थी, वहीं मई माह में बेरोजगारी दर 21.7 फीसदी दर्ज की गई थी। जून में लॉकडाउन खुलते ही कामकाज शुरू हुआ और बेरोजगारी का यह आंकड़ा 10.2 फीसदी पर आ गया। जुलाई में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 7.4 फीसदी तक आ गई। अगस्त में इसमें एक बार फिर बढ़ोतरी हुई और बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी तक पहुंच गई, लेकिन सितंबर माह में इसमें एक बार फिर सुधार आता दिख रहा है।

सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिकअभी भी यह 7.8 फीसदी पर बना हुआ है। अप्रैल में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 23.5 फीसदी और मई माह में 21.7 फीसदी दर्ज की गई थी। दिल्ली में बेरोजगारी दर में सुधार आया है, लेकिन हरियाणा की स्थिति और अधिक खराब हुई है।

हरियाणा में लॉकडाउन खुलने और काम-काज शुरु होने के बाद भी हर तीसरा आदमी इस समय बेरोजगार है। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, यूपी, राजस्थान, झारखंड और केरल जैसे राज्यों में बेरोजगारी दर में जुलाई की तुलना में अगस्त महीने में बढ़ोतरी हुई है, जबकि इसी दौरान दिल्ली, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी दर में सुधार आया है।

सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिकबेरोजगारी के मामले में कुछ राज्यों में अच्छा सुधार हुआ है। राजधानी दिल्ली में जुलाई महीने में 20.3 फीसदी लोग बेरोजगार थे, जबकि अगस्त महीने में 13.8 फीसदी लोग ही बेरोजगार रह गए हैं। छत्तीसगढ़ में जुलाई महीने में बेरोजगारी दर 10.3 फीसदी थी, जो अगस्त माह में घटकर 5.6 फीसदी रह गई। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में जुलाई की बेरोजगारी दर 24.3 फीसदी की तुलना में अगस्त माह में यह 15.8 फीसदी और पुडुचेरी में 15.5 फीसदी से 5 फीसदी रह गई है।


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